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चीन से टकराव के बाद सात देशों से व्यापार के खुले रास्ते

भारत-चीन संबंधों की पिघलती बर्फ

भारत-चीन संबंधों की पिघलती बर्फ

कानपुर| कोरोना को लेकर दुनियाभर में चीन विरोधी भावना का सकारात्मक असर कारोबार पर दिखने लगा है। पहली बार चीन के मुरीद ग्राहकों और देशों ने भारतीय निर्यातकों से संपर्क साधा है। इसका सबसे ज्यादा फायदा चमड़ा उत्पाद, इंजीनियरिंग, हस्तशिल्प, कालीन, सैडलरी, मीट, डेयरी, रसायन सहित एक दर्जन उद्योगों को मिल रहा है। यही वजह है कि कोरोना काल में पहली बार पिछले महीने निर्यात पांच फीसदी बढ़ गया।

लेदर फुटवियर में चीन ने सिंथेटिक यानी नकली चमड़े के दम पर खासी घुसपैठ कर ली थी। रंगीन नकली चमड़े की सप्लाई कर बेहद सस्ते उत्पाद उतारे। साथ ही भारत से असली चमड़े का आयात कर उससे लेदर उत्पाद बनाकर दुनियाभर में नई चुनौती खड़ी की। कोरोना के कारण चीन से खफा देश खासकर अमेरिका और लैटिन अमेरिकी देशों ने उससे मुंह मोड़ लिया।

कानपुर के निर्यातकों से दो महीने में 70 नए ग्राहकों ने 12 करोड़ डॉलर के लेदर उत्पादों की इनक्वायरी की है। दो करोड़ डॉलर के आर्डर दिए हैं। पेरू, वेनेज़ुएला, चिली, इक्वाडोर, क्यूबा, मोरक्को, इंडोनेशिया, थाईलैंड जैसे देश भारतीय निर्यातकों को आर्डर दे रहे हैं। नॉन फुटवेयर के 70 लाख डॉलर के आर्डर चीन से टूटकर आए हैं।

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फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट के मुताबिक हैंडीक्राफ्ट में यूपी ने चीन के ग्राहकों को तोड़ दिया है। कोरोना काल में पहली बार यूपी का निर्यात 6 फीसदी बढ़ गया है। भदोही, मिर्जापुर, शाहजहांपुर के गलीचों में 7 फीसदी निर्यात बढ़ गया है। लखनऊ का चिकन इम्ब्रायड्री पहली बार जापान को निर्यात किया गया। नोएडा से प्लेयिंग कार्ड्स (ताश) का निर्यात पहली बार अमेरिका और यूरोप को हुआ।

कोरोना के कारण तरह तरह के मास्क सबसे पहले चीन ने पूरी दुनिया में उतारे। एन-95 मास्क के लिए मारामारी मच गई। लेकिन हमने महज पांच माह में मास्क में न केवल आत्मनिर्भरता हासिल कर ली बल्कि 22 देशों से चीन का बाजार छीन लिया। आज शहर में अल्ट्रासोनिक रूप से वेल्डेड (सिले हुए नहीं) एन95 और एफएफपी-2 मास्क निर्यात हो रहे हैं।

कृषि उत्पाद, प्लांटेशन, लौह अयस्क, कालीन, सिरैमिक उत्पाद और ग्लासवेयर, दवाएं व फार्मास्युटिकल्स, हस्तनिर्मित कालीन, हथकरघा उत्पाद, मीट व डेयरी एवं पोल्ट्री उत्पाद, फ्लोर कवरिंग, सूती धागे और सिंथेटिक फाइबर, हथकरघा उत्पाद, प्लास्टिक और लिनोलियम, पेट्रोलियम उत्पाद, इंजीनियरिंग सामान, ऑर्गनिक और इनॉर्गनिक केमिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान

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