कच्छ : भारत सरकार ने पाकिस्तान में आतंकियों को समाप्त करने के लिए ऑपरेशन संदूर (Operation Sindoor) चलाया था, जो कि सफल रहा। अब गुजरात सरकार ने कच्छ में ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित एक स्मारक (Operation Sindoor Memorial Park) बनाने का प्लान तैयार किया है। इसको लेकर इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अधिकारियों ने बताया कि यह पार्क सुरक्षा बलों के प्रति सम्मान के साथ ही राष्ट्र द्वारा प्रदर्शित एकता को भी प्रतिबिंबित करेगा।
गुजरात सरकार द्वारा प्लान किए गए इस पार्क का नाम ‘सिंदूर वन’ (Sindoor Van) के तौर पर जाएगा। भारत-पाकिस्तान सीमा पर कच्छ जिले में बनाया जाएगा, जिसने दूसरी तरफ से गुजरात में हमलों का खामियाजा भुगता है। अधिकारियों ने बताया कि स्मारक के करीब डेढ़ साल में बनकर तैयार होने की उम्मीद है। साथ ही उन्होंने बताया कि जमीन पर शुरुआती काम शुरू हो चुका है।
कच्छ के कलेक्टर आनंद पटेल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान समाज, सेना, वायु सेना, बीएसएफ और अन्य बलों द्वारा प्रदर्शित एकता की याद में वन विभाग द्वारा सिंदूर वन एक स्मारक पार्क – की योजना बनाई जा रही है।
ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के लिए बनने वाला सिंदूर वन भुज-मांडवी मार्ग पर मिर्जापुर में वन विभाग की आठ हेक्टेयर भूमि पर बनाया जाएगा। कलेक्टर पटेल ने बताया कि इस भूमि में वह हिस्सा भी शामिल है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद गुजरात की अपनी पहली यात्रा के दौरान एक सार्वजनिक बैठक की थी।
पीएम मोदी को दिया गया था ‘सिंदूर का पौधा’
26 मई की जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री को माधापार की महिलाओं ने ‘सिंदूर का पौधा’ भेंट किया था, जिन्होंने 1971 के युद्ध के दौरान भुज एयर बेस रनवे को 72 घंटों के भीतर ठीक करने में मदद की थी। अपने संबोधन में मोदी ने कहा था कि वह इस पौधे को पीएम हाउस ले जाएंगे, जहां यह ‘वटवृक्ष’ बन जाएगा।
कच्छ सर्कल के मुख्य वन संरक्षक संदीप कुमार ने कहा कि सिंदूर वन, ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित एक थीम आधारित स्मारक पार्क होगा, जिसमें आठ हेक्टेयर भूमि पर जड़ी-बूटियां, झाड़िया और पेड़ सहित उच्च घनत्व वाला पौधारोपण किया जाएगा। यह शहरी क्षेत्र में वन कवच या सूक्ष्म वन का रूप लेगा, जिसमें सिंदूर के पौधे प्रमुखता से लगाए जाएंगे।
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स्थानीय पर्यावरण और मिट्टी की स्थितियों के अनुकूल, सिंदूर के पौधों के साथ-साथ लगभग 35 पौधों की प्रजातियों की पहचान की गई है। उन्होंने कहा कि हमने प्रति हेक्टेयर 10,000 पौधे लगाने की योजना बनाई है, जो भुज के सबसे घने जंगलों में से एक होगा। सिंदूर वन में आने वाले पर्यटकों को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस्तेमाल किए गए लड़ाकू उपकरणों और विमानों के डायोरमा भी देखने को मिलेंगे।