लखनऊ| लखनऊ विश्वविद्यालय अब परास्नातक की पढ़ाई के साथ ही पीएचडी करने का विकल्प भी देगा। इसके अलावा विवि में डी.लिट् भी दोबारा शुरू करने की तैयारी है। विद्या परिषद की बैठक में इस पर मुहर लगाई गई है। इसके अलावा पार्ट टाइम पीएचडी कराई जाएगी।
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इंटीग्रीटेड पीएचडी
यह एक अलग कोर्स है। शोध करने के इच्छुक छात्र ही इसमें दाखिला लेंगे। पीजी की जगह इंटीग्रीटेड पीएचडी कोर्स में दाखिला लेना होगा।
हर विभाग में सिर्फ पांच ही छात्र होंगे। पीजी करने के दौरान ही एक मेंटर नियुक्त कर दिया जाएगा। जो उनको पढ़ाई में गाइड करेगा और डिजर्टेशन प्रोग्राम तैयार करने में सहायता करेगा।
इस कोर्स में दाखिला लेने के बाद पीएचडी करने वालों के पास नेट और जेआरएफ होना अनिवार्य नहीं है। हालांकि अभी तक ऐसे कोर्स को यूजीसी की मान्यता नहीं मिली है। इसका प्रस्ताव यूजीसी में पास करने के लिए भेजा जाएगा।
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डी.लिट दोबारा शुरू होगा
शिक्षकों और अन्य बाहरी शोधकर्ताओं को डी.लिट करने का मौका दिया जाएगा। पीएचडी और 10 साल के अनुभव वालों को मौका मिलेगा। हर विभाग में एक विषय के लिए ग्एडवाइजरी कमेटी बनेगी, जो डी.लिट् कर रहे स्कॉलर का हर छह माह पर रिव्यू करेगी।
पार्ट टाइम कोर्स
पार्ट टाइम पीएचडी में सरकारी अधिकारी, आर्मी अधिकारी, इंडस्ट्री के टॉप एग्जीक्यूटिव आदि को मौका दिया जाएगा। एलयू किसी भी प्रकार की छात्रवृत्ति नहीं देगा। हर शिक्षक एक एक्स्ट्रा न्यूमैरिंग कोटे के तहत एक अन्य पीएचडी स्कॉलर को ले सकता है।