रामपुर। बॉलीवुड की नामी गिरामी शख्सियत सैंकड़ो फिल्मों में अपनी आवाज़ और अदाकारी का लोहा मनवा चुके रज़ा मुराद ने गुरुवार को अपनी सरज़मीं रामपुर में कई मुद्दों पर पर चर्चा की।
रज़ा मुराद के वालिद मुराद खान जोकि फिल्मी दुनिया के मशहूर एक्टर रहे हैं वो रामपुर के ही निवासी थे। फिल्मी दुनिया में कदम रखने के बाद मुराद खां ने मुंबई में ही अपना निवास बना लिया था जब से ही उनके बेटे रज़ा मुराद जो कि सैकड़ों फिल्मों में अपनी बुलंद आवाज़ और एक्टिंग के ज़रिए एक अलग पहचान रखते हैं वह रहते तो मुंबई में है लेकिन रामपुर से दिली लगाव होने के कारण अपनों से मुलाक़ात करने अक्सर अपनी सरज़मीं रामपुर आते रहते हैं। रामपुर पहुंचे रज़ा मुराद से कई मुद्दों पर बात हुई।
जिसमें बिहार चुनाव को लेकर रज़ा मुराद ने कहा कि चुनाव में जनता जो भी निर्णय लेगी हमें उसको तस्लीम करना है एक हफ्ते से भी कम 6 दिन का वक्त बचा है अब जनता की क्या परेशानी रही है और किन किन परेशानियों का उन्होंने सामना किया उसके मुताबिक ही वह सरकार चुनेंगे या उसी सरकार को दोबारा वापस लाएंगे वो दूध का दूध पानी का पानी 10 तारीख को हो जाएगा।
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ईवीएम से चुनाव में गड़बड़ी पर कहा कि इसमें पक्ष और विपक्ष दोनों को सतर्क रहना चाहिए और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी किस्म की कोई गड़बड़ी न हो। साथ ही कहा कि मैं इस पर और टिप्पणी नहीं कर सकता क्योंकि यह टेक्निकली मामला है कैसे किया जाता है या नहीं किया था इस बारे में मैं कुछ कह नहीं सकता।
लेकिन कहीं-कहीं सुनने में भी आया है कि बटन कहीं जाता था और वोट कहीं जाता है यह कोई टेक्निकली बात भी हो सकती है फॉल्ट भी हो सकती है लेकिन ऐसा हुआ जरूर है, अब क्यों हुआ है और कैसे हुआ है वह मैं नहीं कह सकता लेकिन ऐसा हुआ जरूर है। साथ ही कहा कि अगर विपक्ष को यह शिकायत है कि ईवीएम में गड़बड़ी हो जाती है तो जो पुराना सिस्टम था एक वोट और एक वोटर वही रखे तो जो हम मोहर लगाते थे। लेकिन अब देखिए ऐसा नहीं है बहुत से ऐसे राज्य हैं जहां ईवीएम पोलिंग होने के बावजूद जो रूलिंग पार्टी है वह हारी है मध्यप्रदेश में हारी, राजस्थान में हारी और छत्तीसगढ़ में हारी तो वहां तो ईवीएम था फिर भी रूलिंग पार्टी हारी। यह जरूर है कि कुछ टेक्निकली फाल्ट की वजह से एक दो मशीनों में गड़बड़ी हो सकती है लेकिन सारी मशीनों में गड़बड़ी करना मैं नहीं समझ सकता कि ऐसा है इक्का-दुक्का हो सकता है लेकिन मैं नहीं समझता कि सबको ऐसा किया जा सकता है।
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अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर कहा कि उन पर जो इल्जाम लगा है आत्महत्या के लिए उकसाने का मजबूर करने का और जिस बंदे ने आत्महत्या की वह लिखकर गया है यह जो भी चार्ज है वो बड़ा संगीन है। इसको पुलिस प्रशासन, अदालत जो कुछ भी कर रही है वह सोच समझकर कर रही है। इसका ताल्लुक रिपब्लिक टीवी से नहीं है। रिपब्लिक टीवी का जो दफ्तर बन रहा है उसमें जिस इंजीनियर डिजाइनर ने 4 करोड़ रुपए का सरमाया लगाया था वह नहीं दिया गया। अब यह सही है या गलत इसका फैसला तो अदालत करेगी लेकिन ऐसा उन पर इल्जाम है पुलिस ने जो किया होगा सोच समझ किया होगा। कल क्या होगा अगर पुलिस गलत करती है तो अदालत उसको नल इनवाइट करार दे देती। गिरफ्तारी को देखिए आगे क्या होता है और उन्हें बचाव करने का पूरा हक है बचाव कर सकते हैं और जो चार्जशीट लगाई है सरकार ने या पुलिस ने या प्रॉसिक्यूटर ने आप उसको गलत साबित कर दें आप छूट जाएंगे।
भारतीय जनता पार्टी के द्वारा किए जा रहे विरोध और महाराष्ट्र सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों पर कहा कि हर किसी को विरोध का अधिकार है और यह विरोध करना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है कोई भी विरोध कर सकता है उनका विरोध करना भी जायज है।