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विरोध वो लोग कर रहे हैं जिन्हें पता नहीं की प्याज जमीन के ऊपर होता है या नीचे : शिवराज

Shivraj singh Chauhan

Shivraj singh Chauhan

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून के खिलाफ किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। विपक्ष इसे लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं ने भी अब मोर्चा संभाल लिया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को किसानों के हित में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।

किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि कानूनों के विरोध में वो लोग घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं जो पीएम मोदी का मैदान में मुकाबला नहीं कर सकते। मोदी का नाम सुनकर जिन्हें पसीना आ जाता है, जो एक के बाद एक चुनाव हार रहे हैं उन्हें कुछ और नहीं मिला तो किसान के कंधे पर बंदूक रख कर चला रहे हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शिवराज ने चुनौती दी कि वे ये बता दें कि भिंडी कैसे लगती है। वो लोग विरोध कर रहे हैं जिन्हें ये पता नहीं कि प्याज जमीन के ऊपर होता है या नीचे। उन्होंने आगे कहा कि गांव देखे नहीं। गांव की गलियां नहीं देखीं। खेत और पगडंडियां नहीं देखीं। वे अब किसान कानूनों की बात कर रहे हैं।

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और उनके साथी नहीं चाहते कि हमारे देश का किसान सशक्त हो और आत्मनिर्भर बने। सीएम शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बने कृषि कानून कृषि के क्षेत्र में बुनियादी बदलाव लाएंगे।

उन्होंने कहा कि किसानों को सरेआम ठगने वाले आज उनके हितैषी होने का पाखंड कर रहे हैं। अपनी सरकार की किसान हितैषी योजनाओं की चर्चा करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि हमारी सरकार किसानों को शून्य फीसदी ब्याज पर कर्ज देती थी। कमलनाथ की सरकार ने इसे 14 फीसदी पर पहुंचा दिया। किसान विरोधियों ने ब्याज की जो गठरी आपके सिर पर रखी है, उसे हमारी सरकार उतारेगी।

मुख्यमंत्री ने राहत पैकेज के तहत 18 दिसंबर को 1600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि उन किसानों के खाते में भेजने का ऐलान किया, जिनकी फसल को नुकसान पहुंचा है। साथ ही इसके बाद भी 1600 करोड़ की राहत राशि किसानों को देने की घोषणा भी की। गौरतलब है कि केंद्र की ओर से लाए गए किसान कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान इन कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।

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