जयपुर। राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच राजस्थान हाईकोर्ट ने यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब सभी की निगाहें पर सुप्रीम कोर्ट पर टिक गई हैं, जहां सोमवार को सुनवाई होगी। सचिन पायलट खेमे को इस मामले में फिलहाल हाईकोर्ट की ओर से तात्कालिक राहत मिल गई है, यानी स्पीकर पायलट खेमे पर फिलहाल कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकेंगे। आइये जानते हैं इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ…
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हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश
विधानसभा अध्यक्ष की ओर से सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों को अयोग्य करार देने संबंधी नोटिस को चुनौती वाली याचिका पर मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की अदालत ने फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट की ओर से इस मामले में यथास्थिति का आदेश जारी किया गया है। इससे पहले याचिका पर कोर्ट ने मंगलवार को 24 जुलाई तक फैसला सुरक्षित रख लिया था।
16 जुलाई को HC पहुंचा पायलट खेमा
राजस्थान में सियासी घमासान के बीच 16 जुलाई कोर्ट बगावती तेवर अख्तियार करने वाले सचिन पायलट और कांग्रेस के बागी विधायकों ने 16 जुलाई यानी शुक्रवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने एक याचिका दाखिल करते हुए स्पीकर डॉ. सीपी जोशी के अयोग्यता नोटिस को चुनौती दी थी। राजस्थान हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की पीठ ने इस पर सुनवाई की।
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स्पीकर के अयोग्यता नोटिस पर कोर्ट पहुंचा पायलट खेमा
पिछले सप्ताह सोमवार और मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की दो बैठकों में पायलट गुट के हिस्सा नहीं लेने के लिए जारी विप का उल्लंघन करने पर पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी। इसके बाद स्पीकर ने इन विधायकों के खिलाफ अयोग्यता संबंधी नोटिस जारी किया। हालांकि पायलट गुट का कहना है कि पार्टी का विप विधानसभा सत्र के चलने के दौरान ही लागू होता है। मंगलवार को बैठक में नहीं पहुंचने और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत के बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया गया था।