मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश में कोविड संक्रमण से बचाव एवं उपचार की व्यवस्था को प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ नीति कोरोना संक्रमण की रोकथाम में अत्यन्त कारगर सिद्ध हुई है। इस नीति को पूरी सक्रियता से लागू रखा जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 112 नए मामले सामने आये हैं। इसी अवधि में 204 संक्रमित व्यक्तियों को सफल उपचार के बाद डिस्चार्ज किया गया है। वर्तमान में राज्य में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 2,461 है।
मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में प्रदेश में 02 लाख 44 हजार 203 कोरोना टेस्ट किये गये हैं। राज्य में अब तक 05 करोड़ 86 लाख 26 हजार 730 कोरोना टेस्ट किये जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रित है, किन्तु कोरोना वायरस अभी समाप्त नहीं हुआ है। ऐसे में थोड़ी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। इसके दृष्टिगत पब्लिक एड्रेस सिस्टम का निरन्तर प्रभावी उपयोग करते हुए आमजन को कोरोना संक्रमण तथा इससे बचाव के उपायों के प्रति जागरूक किया जाए। बाजारों आदि सार्वजनिक स्थलों पर भीड़-भाड़ रोकने के लिए पी0आर0वी0 112 द्वारा गहन पेट्रोलिंग की जाए। इन वाहनों के पब्लिक एड्रेस सिस्टम द्वारा लोगों को बताया जाए कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन एवं मास्क का प्रयोग उनके स्वास्थ्य एवं परिवार की सुरक्षा के लिये आवश्यक है।
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मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि निगरानी समितियों द्वारा कोरोना संक्रमण की स्क्रीनिंग एवं मेडिसिन किट वितरण का कार्य सुचारु ढंग से रहा है। प्रदेश में ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना का कार्य तेजी से चल रहा है। राज्य में अभी तक 528 ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की स्वीकृति प्राप्त हुई है। विगत 02 दिनों में 09 आॅक्सीजन संयंत्र क्रियाशील किये गये हैं। अब तक 131 ऑक्सीजन संयंत्र क्रियाशील हो चुके हैं। 50 बेड से अधिक क्षमता के अस्पतालों में भी अनिवार्य रूप से ऑक्सीजन संयंत्र स्थापना के सम्बन्ध में कार्यवाही की जा रही है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फाॅगिंग की कार्यवाही भी नियमित रूप से संचालित है।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों एवं मेडिकल काॅलेजों में अभी तक 6,324 पीकू बेड कार्यशील किये जा चुके हैं। इस वर्ष राज्य में 09 नये मेडिकल काॅलेजों का संचालन प्रारम्भ किया जाना है। इन मेडिकल काॅलेजों में चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों की भर्ती की कार्यवाही तेज गति से चल रही है। अब तक 222 भर्तियां की जा चुकी हैं। इनमें से 135 चयनित अभ्यर्थियों ने कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन की कार्यवाही सुचारु, व्यवस्थित एवं निर्बाध ढंग से संचालित की जाए। कोविड टीकाकरण के लिए ऑनलाइन पंजीयन को प्रोत्साहित किया जाए। ग्रामीण इलाकों में लोगों की सुविधा के लिए काॅमन सर्विस सेण्टर पर निःशुल्क पंजीयन की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। टीकाकरण के लिए टाइम स्लाॅट जारी करते हुए, उसके अनुरूप वैक्सीनेशन किया जाए। जिनका टीकाकरण होना है, केवल उन्ही को वैक्सीनेशन सेण्टर पर बुलाया जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि वैक्सीनेशन के कार्य में पूरी तरह से प्रशिक्षित लोग ही लगाए जाएं।
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मुख्यमंत्री जी ने राजस्व न्यायालयों के संचालन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण निराश्रित हुई महिलाओं के लिए राजस्व विभाग द्वारा 15 दिन का विशेष वरासत अभियान संचालित किया जाए। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा निराश्रित महिलाओं के पुनर्वास के सम्बन्ध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना ग्रामीण इलाकों में लोगों को अपने घरों का स्वामित्व दिलाने में उपयोगी भूमिका निभा रही है। इस योजना को तेजी से आगे बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पंचायत चुनाव के सम्पन्न हो जाने के पश्चात थाना एवं तहसील दिवस का आयोजन पुनः प्रारम्भ किया जाए। यह आयोजन पूरी जवाबदेही के साथ सम्पन्न किये जाएं। इस दौरान अधिक से अधिक जनसमस्याओं का प्रभावी ढंग से निराकरण कराया जाए। सभी गतिविधियों में सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोविड प्रोटोकाॅल का पालन किया जाए।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि केन्द्र सरकार द्वारा दाल के मूल्य को नियंत्रित करने के लिए थोक विक्रेताओं के लिए 200 मीट्रिक टन तथा खुदरा विक्रेताओं के लिए 05 मीट्रिक टन दाल के भण्डारण की सीमा निर्धारित की गयी है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत सरकार के निर्णय के अनुसार दाल सहित खाद्य तेल आदि विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के मूल्य नियंत्रण हेतु कार्यवाही की जाए। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के प्रस्तावों पर तत्परता से कार्यवाही करने के निर्देश दिए।