वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर से उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीज़न के लिए हाहाकार मचा हुआ है।
ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाया है। जिससे बोकारो के स्टील प्लांट से ऑक्सीजन लाया जा रहा है। राहत वाली खबर ये है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस स्टील प्लांट से ऑक्सीजनन के टैंकर भरकर दोपहर में दो बजे लखनऊ के लिए रवाना हो गई है। बीच में कोई रुकावट न आए, इसलिए रेलवे ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया है।
बोकारो के स्टील प्लांट से ऑक्सीजन के टैंकर लेकर रवाना होने वाली ऑक्सीजन एक्सप्रेस ग्रीन कॉरिडोर से होते हुए रात 12 बजे तक दीनदयाल उपाध्याय नगर (मुगलसराय) पहुंच जाएगी। इसके बाद वहां से वाराणसी और सुल्तानपुर होते हुए ऑक्सीजन एक्सप्रेस के शनिवार सुबह सात बजे तक लखनऊ पहुंचने का समय निर्धारित है। लखनऊ में तीन टैंकर आएंगे। इसके एक टैंकर 20 हजार लीटर लिक्विड ऑक्सीजन है। सभी टैंकर्स में लिक्विड ऑक्सीजन है, जो कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों को दी जाती है।
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रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी बताया कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस दिन में दो बजे बोकारो के स्टील प्लांट से टैंकर में लोडकर लखनऊ के लिए रवाना हुई है। यह ट्रेन उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए रवाना हुई है। इस ट्रेन के जल्दी पहुंचने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया गया है। ऑक्सीजन की समुचित सप्लाई के लिए रेलवे निरंतर कार्य कर रहा है। रेलमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रयास है कि सभी कोरोना संक्रमितों तक जल्द से जल्द ऑक्सीजन पहुंचे। बोकारो स्टील प्लांट से निकली ऑक्सीजन एक्सप्रेस दीनदयाल उपाध्याय नगर (मुगलसराय) वाराणसी व सुल्तानपुर होकर लखनऊ पहुंचेगी।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस शनिवार सुबह सात बजे तक लखनऊ पहुंच जाएगी। हर एक टैंकर में 20 हजार लीटर लिक्विड ऑक्सीजन होगी। ऐसे में शनिवार सुबह तक लखनऊ में 60 हजार लीटर मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति हो जाएगी। गुरुवार सुबह आठ बजे लखनऊ से रवाना हुई ऑक्सीजन एक्सप्रेस रात दो बजे करीब 18 घंटे में बोकारो पहुंची थी। आद्रा रेलवे मंडल प्रशासन पहले से मुस्तैद था। रात में ही टैंकरों की अनलोडिंग कर उनको स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के प्लांट में ले जाया गया।
बोकारों से एक टैंकर लिक्विड ऑक्सीजन की पहली खेप वाराणसी पहुंची
जानकारी के मुताबिक, पहला ऑक्सीजन टैंकर सुबह नौ बजे लोड होकर वापस बोकारो स्टेशन पहुंचा। दस बजे दूसरा और 11 बजे तीसरा ऑक्सीजन टैंकर बोकारो स्टेशन रिफील होने के बाद आ गया था। मिलिट्री स्पेशल के जिस लो फ्लोर रैक का इस्तेमाल तीन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के टैंकरों को लादने के लिए किया गया। बोकारो के रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस ऑक्सीजन एक्सप्रेस की ऊंचाई 4.5 मीटर है। इसी कारण ओएचई से बचाते हुए ऑक्सीजन एक्सप्रेस को 60 किलोमीटर प्रतिं घंटे की गति से लखनऊ तक पहुंचाने के लिए खासी मशक्कत की गई।
सुरक्षा और संरक्षा के सभी मानकों के साथ तीनो टैंकरों की फिटिंग की गई। हर 300 किलोमीटर पर पड़ने वाली क्रू लॉबी में इसके लोको पायलटों को बदला जाएगा। ऑक्सीजन एक्सप्रेस का कॉशन गया, दीन दयाल उपाध्याय नगर, वाराणसी और सुल्तानपुर होकर तैयार किया गया है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस उतरेटिया आकर वहां से ट्रांसपोर्ट नगर आलमनगर बाईपास होकर लखनऊ की चारबाग साइडिंग पहुंचेगी।
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लखनऊ से रवाना हुई ऑक्सीजन एक्सप्रेस के साथ एक जीआरपी उपनिरीक्षक और दो कांस्टेबल का एस्कॉर्ट भेजा गया है। यह एस्कॉर्ट कड़ी सुरक्षा में बोकारो से ऑक्सीजन एक्सप्रेस को लेकर लखनऊ आएगा। यूपी के साथ बिहार और झारखंड जीआरपी मुख्यालय को अलर्ट किया गया है। यूपी के रास्ते मे पडऩे वाले हर जीआरपी व आरपीएफ थाने को अपने यहां से ऑक्सीजन एक्सप्रेस के सफलता से गुजर जाने की रिपोर्ट करना होगा। ग्रीन कॉरिडोर के लिए लखनऊ, वाराणसी, दीन दयाल उपाध्याय नगर और गया कंट्रोल रूम में कंट्रोलर साथ परिचालन के रेलवे अधिकारियों की तैनाती की गई है।