मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गोरखपुर ही नहीं, आसपास के जिलों में ऑक्सीजन का प्रचुर इंतज़ाम सुनिश्चित कर दिया गया है।
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से शुक्रवार रात रवाना ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन शनिवार दोपहर गोरखपुर के नकहा स्टेशन पहुंची। इस ट्रेन के माध्यम से गोरखपुर को दो टैंकरों से 40 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है। इसका इस्तेमाल गोरखपुर के साथ ही आसपास के जिलों के कोविड अस्पतालों में किया जा सकेगा।
कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में योगी सरकार का ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट मॉडल कारगर साबित हुआ है तो संक्रमितों के इलाज के लिए यूपी में ऑक्सीजन की आपूर्ति भी पूरे देश मे सबसे अधिक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वायुसेना के विमानों से ऑक्सीजन टैंकर मंगवाए तो देश के अलग अलग हिस्सों से स्टील प्लांटों में उत्पादित लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए रेल मंत्रालय से अनुरोध कर ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें भी चलवाईं। इससे सूबे में ऑक्सीजन का संकट दूर हुआ है।
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इसी क्रम में गोरखपुर के लिए पहली ऑक्सिजन एक्सप्रेस ट्रेन शनिवार दोपहर करीब सवा बारह बजे गोरखपुर के नकहा रेलवे स्टेशन पर पहुंची। यह एक्सप्रेस ट्रेन शुक्रवार रात में पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से रवाना होकर महज 12 घण्टे में गोरखपुर पहुंची। एक्सप्रेस ट्रेन के दोनों टैंकरों से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन अनलोड कर गीडा में स्टोर करा दिया गया है।
गोरखपुर के गीडा में स्थानीय मांग के अनुसार मोदी केमिकल्स और आरके ऑक्सीजन के प्लांट पर्याप्त ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहे हैं। इस बीच ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन से 40 एमटी लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन आ जाने से यह सुनिश्चित हो गया है कि अब गोरखपुर व आसपास के जिलों में ऑक्सीजन की कमी से किसी की जान नहीं जाएगी।
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जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन ने कहा कि स्थानीय स्तर पर हो रहे उत्पादन और आज एक्सप्रेस ट्रेन से मिली आपूर्ति से गोरखपुर समेत आसपास के करीब 15 जिलों में तीन दिन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध हो गया है।
गीडा में मोदी केमिकल्स और आरके ऑक्सीजन में पहले 2000 सिलेंडर ऑक्सीजन का उत्पादन होता था जो अब 8000 पर पहुंच चुका है। लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई उत्तराखंड के काशीपुर और झारखंड से होने में कभी कभी रास्ते में समय लग जाता था लेकिन ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन से लिक्विड मेडिकल की आपूर्ति 12 घण्टे में ही मिल गई है।