नई दिल्ली| बीते एक सप्ताह में ओयो होटल्स ने 300 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। इस पूरे मामले से जुड़े अधिकारी ने बताया कि मांग की कमी के चलते हुए घाटे की वजह से ओयो ने ये कदम उठाया है। गौरतलब है कि ओयो अब अपने कम से कम व्यापार गारंटी मॉडल को रेवेन्यु शेयरिंग मॉडल में बदल रहा है जिसमें कम लोगों की जरूरत होती है।
दूसरे व्यक्ति ने बताया कि इसके साथ अब ओयो का 99 प्रतिशत फ्रेंचाइज़ बिजनेस रेवेन्यु शेयरिंग पर आधारित होगा जबकि कुछ प्रॉपर्टियां अभी भी मिनिमम गारंटी अश्योरेंस का पालन करेंगी। इसके साथ ही ओयो ने बहुत सी प्रक्रियाओं को ऑटोमेटिक कर दिया है। नई टेक्नोलॉजी के आ जाने से भी कम स्टाफ की जरूरत है।
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ओयो के मुख्य रुप से दो बिजनेस हैं। इसमें ओयो फ्रेंचाइज बिजनेस पार्टनर में होटलों के मालिक शामिल हैं। जबकि फ्रंटियर बिजनेस में को-लिविंग और स्टूडेंट हाउजिंग शामिल है। इसमें यह प्रॉपर्टी को लेता है और ओयो ब्रांड के अंतर्गत संचालित करता है। ओयो ने दोनों ही बिजनेस से स्टाफ को निकाला है।
कर्मचारियों को निकालने की प्रक्रिया देशभर में चली लेकिन जो इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित थे वहां सबसे ज्यादा लोगों ने नौकरी खोयी है। दूसरे व्यक्ति ने बताया कि ओयो अभी और लोगों को निकाल सकता है क्योंकि हॉस्पिटेलिटी क्षेत्र पर से महामारी का असर कम होता नहीं दिख रहा है।