नई दिल्ली। भारत के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने मोदी सरकार पर कोरोना महामारी से निपटने में असफल रहने और जीडीपी को बुरी तरह गिरने देने का आरोप लगाया है। पी। चिदंबरम ने कहा कि वो जीडीपी में गिरावट से बिल्कुल भी हैरान नहीं हैं।
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उन्होंने कहा, ”हमने सरकार को इसे लेकर चेतावनी भी दी थी। दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों ने भारत को चेतावनी दी थी। सिर्फ़ तीन दिन पहले ही आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में इसके संकेत दिए थे केंद्र सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय के अनुसार 2020-21 वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून के बीच विकास दर में 23।9 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
कोरोना वायरस महामारी और उसे रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को पहले से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था की हालत और ख़राब करने के लिए ज़िम्मेदार बताया गया है। चिदंबरम कहते हैं कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को छोड़कर हर कोई ये जानता था कि भारत की अर्थव्यवस्था का संकट गहराने वाला है।
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उन्होंने कहा, ”पूरा देश इसकी कीमत चुका रहा है। गरीब निराशा में हैं। लेकिन, मोदी सरकार इसे लेकर बेफिक्र है और उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं। सरकार ने एक फ़र्जी कहानी गढ़ी थी जिसकी हक़ीक़त सबके सामने आ गई है. मोदी सरकार के महामारी के दौरान और पहले की गई घोषणाओं और उपायों के नतीजे आने के लिए सरकार को थोड़ा समय देना क्या ठीक नहीं होगा?
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इस सवाल के जवाब में पी चिदंबरम ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”कोई अर्थशास्त्री ये नहीं मानेगा कि मोदी सरकार ने वो किया जो उसे करना चाहिए था। आरबीआई की रिपोर्ट ही पढ़ लीजिए। अगर आपको लगता है कि मोदी सरकार ने महामारी से पहले और उसके दौरान कुछ किया है और हमें उन्हें और समय देना चाहिए, तो मैं आपके लिए सिर्फ़ दुख जता सकता हूं।”चिदंबरम ने कहा कि जिस एकमात्र क्षेत्र में 3।4% की वृद्धि हुई है, वो कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन है