राजनीति डेस्क. देश में लव जिहाद के मुद्दे को लेकर काफी-गरमा गर्मी चल रही है. हाल ही में मध्य प्रदेश की सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की बात कही है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ये भी कहा था कि विधानसभा में जल्द ही लव जिहाद के मुद्दे पर कानून लाया जाएगा. ऐसे में आज म.प्र. विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने भी लव जिहाद के खिलाफ विवादित ब्यान दिया है.
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रामेश्वर शर्मा ने अपने ब्यान में ये कहा कि, ‘पाकिस्तान और ISI एजेंट सीता को रुबिया में बदलने की साजिश करते हैं. हम कब तक सीता को रुबिया बनने देंगे, कब तक हम सीता को मरने देंगे? मुझे नरगिस और सुनील दत्त की तरह सच्चा प्यार दिखाओ. आप ही बताइए कितनी नरगिस ने सुनील दत्त से शादी की?’
Pakistan & ISI agents conspire to convert Sita to Rubiya. How long will we let Sita become Rubiya, how long will we let Sita die? Show me true love like Nargis & Sunil Dutt. Tell me how many Nargis married Sunil Dutt?: MP Assembly Protem Speaker Rameshwar Sharma on Love Jihad law pic.twitter.com/ft1qxUXvQt
— ANI (@ANI) November 18, 2020
आपको बता दें कि लव-जिहाद पर बनाए जा रहे कानून के बाद से ही प्रदेश की सियासत गरमा गई है. जिस पर कांग्रेस के कई नेताओं ने विरोध किया है. हालांकि कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने शिवराज सरकार का समर्थन किया है. उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि “बलपूर्वक” विवाह करना और “बलपूर्वक “धर्म परिवर्तन के खिलाफ अगर कानून बन रहा है. लेकिन जो लोग ऐसा नहीं करते है उन्हें इस कानून से डरने की क्या आवश्यकता है.
कांग्रेस नेताओं ने किया था विरोध
लव-जिहाद के खिलाफ बनाए जा रहे कानून का कांग्रेस नेताओं ने विरोध किया है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा सरकार विधानसभा अध्यक्ष तो चुन नहीं पा रही. लेकिन इस तरह के कानून बनाने में जुटी है. जो एक दूसरे को बांटने का काम करने वाला है. लेकिन लक्ष्मण सिंह के ट्वीट के बाद कांग्रेस इस मुद्दे पर भी बटी नजर आ रही है. फिलहाल इस मामले में कांग्रेस के पक्ष स्पष्ट होता नजर नहीं आ रहा है.
बीजेपी नेताओं ने सजा बढ़ाने की मांग
एक तरफ कांग्रेस के नेता लव-जिहाद के खिलाफ बनाए जा रहे कानून के मुद्दे पर बटे नजर आ रहे हैं, तो बीजेपी के नेता कानून बनने से पहले ही सजा का प्रावधान बढ़ाए जाने की मांग करने ले हैं. रामेश्वर शर्मा और जीतू जिराती ने पांच साल की सजा को कम बताते हुए सजा का प्रावधान और बढ़ाए जाने की मांग की है.