नई दिल्ली। चीन भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान को लगातार आधुनिक हथियार दे रहा है। जिसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ होने की आशंका बनी हुई है। अब एक नए खुलासे में सामने आया है कि चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की आड़ में दोनों देश जैविक हथियार बनाने का काम कर रहे हैं।
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ऑस्ट्रेलिया की न्यूज़ वेबसाइट क्लाक्सोन ने दावा किया है कि ये हथियार बीते 5 सालों से बनाए जा रहे हैं। इस पूरे खेल में कोरोना वायरस के लिए बदनाम वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी भी शामिल है।
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रिपोर्ट के मुताबिक वुहान की लैब को इस पूरे प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। एंथनी क्लान की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वुहान के वैज्ञानिक पाकिस्तान में साल 2015 से ही खतरनाक वायरस पर रिसर्च कर रहे हैं। ये रिसर्च मुख्य तौर पर वायरस को हथियार में बदलने से संबंधित है। इसके अलावा चीन-पाकिस्तान ने जो डील की है उसका एक हिस्सा सीक्रेट रखा गया है क्योंकि ये जैविक हथियारों से जुड़ा है। चीन और पाकिस्तान ने बॉयो-वारफेयर की क्षमता को बढ़ाने के लिए तीन साल की ये सीक्रेट डील की हुई है और इस पर काम भी शुरू हो गया है।