इस्लामाबाद। दुनियाभर के परमाणु कार्यक्रम पर नजर रखने वाली संस्था इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी (ISIS) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान के चश्मा परमाणु संयंत्र में प्लूटोनियम के रिप्रोसेसिंग प्लांट को साल 2007 में ही पहचान लिया गया था। हालांकि, 2015 में पाकिस्तान इस परमाणु संयंत्र को चालू कर पाया था। चश्मा एक्सटेंशन प्लांट में परमाणु बम को बनाने के लिए ज्यादा मात्रा में प्लूटोनियम को इकट्ठा किया जा रहा है।
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भारत से जारी तनाव के बीच पाकिस्तान अपनी परमाणु हथियारों की ताकत को बढ़ा रहा है। सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान अपने चश्मा परमाणु संयंत्र में परमाणु बम बनाने के लिए प्लूटोनियम पृथक्करण केंद्र का काफी विस्तार किया है। पाकिस्तान सरकार ने अपने परमाणु संयंत्र के विकास कार्यक्रम को बेहद गुपचुप तरीके से 2018 के मध्य में शुरू किया था। अब हाल में ही मैक्सार टेक्नोलॉजी की सैटेलाइट तस्वीरों से यह खुलासा हुआ है कि सितंबर 2020 तक इस कार्यक्रम को पूरा कर लिया गया है।