बीजिंग। इजरायल और यूएई के बीच राजनयिक संबंध पूर्ण रूप से स्थापित करने संबंधी ऐतिहासिक समझौते का चीन ने शुक्रवार को स्वागत किया और कहा कि मध्य एशिया में तनाव कम करने के उद्देश्य से उठाए गए कदमों से उसे “प्रसन्नता” हुई है। अमेरिका की मध्यस्थता में हुए समझौते में यूएई और इजराइल ने बृहस्पतिवार को पूर्ण रूप से राजनयिक संबंध स्थापित करने की घोषणा की। इसके साथ यह घोषणा भी की गई कि इजराइल पश्चिमी तट के हिस्सों पर कब्जा करने की योजना को रोक देगा।
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यूएई, इजराइल के साथ राजनयिक संबंध रखने वाला अरब का तीसरा देश बन गया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियान ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “चीन ने इस बात का संज्ञान लिया है कि इजराइल ने फलस्तीन के क्षेत्र पर कब्जा करने की योजना स्थगित कर दी है और वह फलस्तीन मसले पर उचित और दीर्घकालीन समझौते का पक्षधर है।”
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उन्होंने कहा, “चीन को प्रसन्नता है कि ऐसे कदमों से मध्य एशियाई देशों में तनाव कम होगा और क्षेत्रीय शांति और स्थायित्व को बल मिलेगा। हम उम्मीद करते हैं कि मसले से संबंधित पक्ष ठोस कदम उठाएंगे ताकि फलस्तीन का मुद्दा हल हो सके।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि फलस्तीन के मुद्दे पर चीन का रवैया स्पष्ट है।