इस्लामाबाद। पश्चिम एशिया के 2 सबसे ताकतवर देशों, इस्राइल और संयुक्त अरब अमीरात, के बीच बीते कई दशकों से चली आ रही दुश्मनी का खात्मा हो गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों के चलते इस्राइल और यूएई ने एक समझौते पर दस्तखत किए हैं जिसके मुताबिक दोनों अब अपने संबंधों को सामान्य बनाने पर जोर देंगे। इस डील के बाद अब इस्राइल वेस्ट बैंक के कुछ इलाके पर कब्जा करने की अपनी योजना फिलहाल टाल देगा। हालांकि यूएई और इस्राइल के बीच हुई इस नई डील से पाकिस्तानियों को मिर्ची लग गई है, और वे सोशल मीडिया पर जमकर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं।
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दरअसल, एक तरफ अधिकांश पाकिस्तानी जहां अपने आपको अरब सभ्यता से जोड़ते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ वे इस्राइल को यहूदियों के प्रभाव वाला देश होने के नाते अपना जानी दुश्मन मानते हैं। यहां तक कि पाकिस्तान के पासपोर्ट पर भी लिखा होता है कि ‘यह इस्राइल को छोड़कर दुनिया के सभी देशों के लिए मान्य है।’ ऐसे में संयुक्त अरब अमीरात और इस्राइल के बीच हुआ यह समझौता पाकिस्तानियों को रास नहीं आया है और वे सोशल मीडिया पर जमकर बवाल काटे हुए हैं। हालांकि पाकिस्तान के हुक्मरानों के सामने इस मामले में चुप्पी साधना ही बेहतर है, क्योंकि खराब आर्थिक हालात के चलते वे विरोध करने की हालत में भी नहीं हैं।
पाकिस्तानी इस डील पर किस हद तक भड़के हुए हैं इसका अंदाजा उनके ट्वीट्स को देखकर लगाया जा सकता है। @fat_a8 नाम के एक ट्विटर हैंडल से इस डील को लानत भेजने की बात कही गई है, तो @irizmemon नाम के हैंडल ने तुर्की को पाकिस्तानियो का सच्चा दोस्त बताया है।
बता दें कि हाल ही में तुर्की ने कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान का खुलकर साथ दिया है और ऐसा करने वाले दुनिया के चंद देशो में वह भी शामिल है। पहले मलेशिया ने भी कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान का साथ दिया था, लेकिन भारत की नाराजगी के बाद उपजे हालातों से उसने अपने कदम पीछे खींच लिए।
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सऊदी अरब और अन्य अरब देशों द्वारा हाल में लिए गए कुछ फैसलों ने पाकिस्तानियों को बुरी तरह झिंझोड़ कर रख दिया है। पाकिस्तान ने कश्मीर मसले को OIC में उठाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन सऊदी अरब के प्रभाव वाले इस संगठन ने उसकी मांग को भाव ही नहीं दिया। इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सऊदी अरब पर ही भड़क गए। सऊदी को कुरैशी का बड़बोलापन पसंद नहीं आया और उसने पाकिस्तान को दिए गए कर्ज में से एक अरब डॉलर वापस मांग लिए। बस, इसी के बाद से कभी अरबों को अपना पूर्वज बताने वाले पाकिस्तानी आजकल तुर्की पर फिदा हैं।