पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) अध्यक्ष चिराग पासवान ने रविवार को एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव के नतीजे आने के बाद बीजेपी से नाता तोड़ देंगे। इसके साथ ही प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो जाएंगे। 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को चुनौती देने की एक और कोशिश करेंगे।
चिराग पासवान को इस चुनाव के बाद नीतीश मुख्यमंत्री के तौर पर स्वीकार्य नहीं है। वह मौजूदा विधानसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ मजबूत करने के लिए बीजेपी का समर्थन करने का दावा करते रहे हैं।
उन्होंने रविवार को दावा किया कि नीतीश कुमार जो बार-बार पल्टी मारने के कारण ‘पलटूराम’ के तौर पर जाने जाते हैं, इस चुनाव के बाद फिर पलटी मार सकते हैं। वह आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के साथ लंबी राजनीतिक लड़ाई के बाद बिहार में सत्ता में आए थे। कुछ साल बाद उन्होंने पुराने सहयोगी बीजेपी से नाता तोड़ लिया और अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी के साथ गठबंधन कर लिया।
चिराग ने एक समाचार चैनल से बातचीत के दौरान 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर नीतीश द्वारा विरोध किए जाने को याद करते हुए आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्तर पर खुद को प्रधानमंत्री को संभावित चुनौती देने वाले के तौर पर पेश करने के लिए नीतीश ने पांच साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में मोदी के खिलाफ कितना जहर उगला था। दो साल में लालू प्रसाद को छोड़ दिए और एनडीए में वापस लौट आए।’
चिराग पासवास के दिवंगत पिता और एलजेपी के संस्थापक रामविलास पासवान 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए में शामिल हुए थे। जमुई से सांसद चिराग पासवान ने कहा कि मेरी बात को याद रखें कि नीतीश अपने चुनाव प्रचार के दौरान लालू प्रसाद के प्रति बहुत सजग हैं और एक बार फिर से महागठबंधन के साथ अगली सरकार बनाने की कोशिश कर सकते हैं। यहां तक कि 2024 में खुद को मोदी के एक विकल्प के रूप में पेश करने की कोशिश कर सकते हैं।’
इससे पहले, एलजेपी प्रमुख ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान नीतीश के सात निश्चय में भ्रष्टाचार के अपने आरोपों को दोहराया जिसमें हर घर में पाइप के जरिए पेयजल और पक्की गली एवं नाली की योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं में भ्रष्टाचार की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए और अगर स्वयं मुख्यमंत्री की संलिप्तता सामने आ जाए तो हमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए।’ बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 140 से अधिक सीटों पर एलजेपी ने अपने उम्मीदवार अधिकांश जेडीयू के प्रत्याशियों के खिलाफ खड़े किए हैं।