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महाशिवरात्रि पर पड़ रहा पंचक का साया, इन कामों को करने से बचे

Writer D by Writer D
25/02/2022
in धर्म, फैशन/शैली
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Sawan, Panchak

panchak

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इस साल महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर पंचक (Panchak) लग रहा है। महाशिवरात्रि 01 मार्च दिन मंगलवार को है। पंचक के समय में भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करने में कोई समस्या नहीं है। भगवान ​शिव स्वयं महाकाल हैं, वे ही आदि हैं और अंत भी। उनकी पूजा में राहुकाल भी अमान्य होता है। बिना पंचांग देखे आप भगवान शिव की आराधना कर सकते हैं, लेकिन पंचक लगने की वजह से कुछ काम करना वर्जित होता है। वे काम करने से हानि होने की आशंका रहती है, इसलिए उनको वर्जित किया गया है। आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन पंचक कब लग रहा है, इसका क्या अर्थ है और इसमें कौन से काम नहीं करने हैं।

पंचक प्रारंभ समय

महाशिवरात्रि 01 मार्च को है। इस दिन पंचक का प्रारंभ शाम 04 बजकर 32 मिनट पर हो रहा है। इसका समापन 06 मार्च दिन रविवार को तड़के 02 बजकर 29 मिनट पर हो रहा है।

क्या होता है पंचक

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों के योग से बनने वाले विशेष योग को पंचक कहते हैं। पंचक को अशुभ माना जाता है। जब चंद्रमा कुंभ या मीन राशि में होता है, तब पंचक लगता है। घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती इन पांच नक्षत्रों को भी पंचक कहते हैं।

पंचक में वर्जित कार्य

1) जब पंचक लगा हो तो उस समय में दक्षिण दिशा में यात्रा करना अशुभ होता है। दक्षिण दिशा को मृत्यु के देवता यमराज की दिशा मानते हैं।

2) पंचक में नए मकान की छत नहीं डालनी चाहिए। ऐसा करने से धन हानि और परिवार में अशांति होती है।

3) पंचक के समय में पलंग नहीं बनवाना चाहिए।

4) पंचक की अवधि में घास, लकड़ी, सूखे पत्ते आदि को एकत्रित नहीं करना चाहिए। इससे अग्नि का भय रहता है।

5) पंचक में दाह संस्कार करना मना होता है, लेकिन चंदन की 5 लकड़ियों के साथ विधिपूर्वक दाह संस्कार करने से पंचक दोष दूर हो सकता है।

Tags: mahashivratriMahashivratri 2022mahashivratri newspanchak
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