घर पर कोई पूजा हो या फिर मंदिर में मिलने वाले प्रसाद की हो बात, पंचामृत धार्मिक और सेहत की दृष्टि से बेहद फायदेमंद माना जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार, पंचामृत किसी भी तरह की पूजा के लिए शुभ माना जाता है।
पवित्र जल के मिश्रण का इस्तेमाल देवताओं की मूर्तियों को स्नान कराने के लिए भी किया जाता है। इतना ही नहीं यह सभी आराध्य देवों को भोग के रूप में भी चढ़ाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण के जन्म के बाद उनका अभिषेक भी इसी पंचामृत से ही होता है।
तो आइए इस कृष्ण जन्माष्टमी जानें कैसे बनाया जाता है सेहत और श्रद्धा से भरपूर पंचामृत और क्या है इसका महत्व और सेहत के लिए फायदे।
पंचामृत का महत्व-
पंचामृत में पांच चीजों को शामिल किया जाता है, जिनका सेहत और धार्मिक दृष्टि से अपना एक खास महत्व है। धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो दूध शुद्ध और पवित्रता का प्रतिनिधित्व करता है। तो वहीं घी शक्ति और जीत के लिए है। शहद मधुमक्खियां पैदा करती है इसलिए ये समर्पण और एकाग्रता का प्रतीक है।
चीनी मिठास और आंनद तो दही समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। बात अगर सेहत की करें तो इसका सेवन करने से व्यक्ति को अनेक तरह के लाभ भी मिलते हैं। आइए जानते हैं क्या है पंचामृत बनाने का सही तरीका और इसका सेवन करने से सेहत को मिलने वाले कई गजब के फायदे।
पंचामृत प्रसाद बनाने के लिए सामग्री-
-1/2 कप दूध
-1/2 कप दही
-1 टेबलस्पून शहद
-1 टेबलस्पून चीनी
-1 टीस्पून घी
-1 पत्ता तुलसी का
पंचामृत प्रसाद बनाने की विधि-
– सबसे पहले एक बर्तन में दही डालकर अच्छे से फेंट लें।
– अब इसमें दूध, शहद, चीनी और घी मिलाएं।
– तैयार है पंचामृत प्रसाद. इसमें तुलसी का एक पत्ता भी डाल दें।
– इससे पहले प्रभु को अभिषेक कराएं।
– उसके बाद पूजा अर्चना कर सभी में बांटें।
ये है पंचामृत के फायदे-
1-यह पित्त दोष को बैंलेस करता है।आयुर्वेद के अनुसार इसका सेवन करने से पित्त दोष को संतुलित रखने में मदद मिलती है।
2-पंचामृत इम्यून सिस्टम में सुधार करता है
3-यादाश्त को बढ़ाता है और रचनात्मक क्षमताओं को बढ़ावा देता है।
4-यह स्कीन के लिए भी काफी फायदेमंद हैं।
5-बालों को स्वस्थ रखता है।
6- आयुर्वेद की मानें तो अगर प्रेग्नेंसी के दौरान इसका सेवन किया जाए तो यह मां और भ्रूण दोनों स्वस्थ रहते हैं।