चेन्नई। सदियों से देश जाति की जंजीरों को तोड़ने के लिए सरकारें संविधान में कई कानूनों का प्रावधान किया। ताकि देश इन कुरीतियों से आगे निकल सके, लेकिन 21वीं सदी में भी इस तरह के भेदभाव की खबरें आना एक सामान्य सी घटना बनी हुई है।
बता दें कि तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में एक पंचायत अध्यक्ष ने बैठक में दलित महिला को कुर्सी होने के बाद भी जमीन पर बैठाया है। जबकि अन्य लोग ऊपर कुर्सी पर बैठे हुए हैं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों ने इसका विरोध करना शुरु कर दिया है। जिसके बाद पंचायत सचिव को महिला पंचायत अध्यक्ष के साथ जाति के आधार पर कथित तौर पर भेदभाव करने के मामले में निलंबित कर दिया गया है।
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पंचायत सचिव पर पहले मामला दर्ज किया गया था और फिर निलंबित कर दिया गया। थेरकु थिट्टई पंचायत अध्यक्ष सुश्री राजेश्वरी सरवना कुमार को पंचायत की बैठक के दौरान फर्श पर बैठने के लिए मजबूर किया गया था। सुश्री राजवेश्वरी अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखती हैं।
पुलिस ने मामले में पंचायत सचिव मोहन राज के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। राजेश्वरी ने कहा है कि इस वर्ष जनवरी में पंचायत अध्यक्ष चुने जाने के बाद से ही श्री राज समेत हिंदू जाति के अन्य लोग उनके साथ भेदभाव कर रहे हैं और उनका उत्पीड़न कर रहे हैं।
सुश्री राजेश्वरी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें जुलाई में हुई पंचाययत की बैठक में वह फर्श पर बैठी हुई दिखाई दे रही हैं। जबकि अन्य सदस्य कुर्सी पर बैठे नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर के वायरल होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है।