रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करवाने वाले मुख्य आचार्य व काशी के प्रकांड विद्वान पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित (Pandit Laxmikant Dixit) का निधन हो गया। पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित ने 90 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 121 पुजारियों की टीम ने सम्पन्न कराया था। जिसमें काशी के विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित (Laxmikant Dixit) मुख्य पुजारी थे।
लक्ष्मीकांत दीक्षित (Laxmikant Dixit) मूल रूप से महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के रहने वाले थे, लेकिन कई पीढ़ियों पहले उनका परिवार काशी में आकर बस गया था। उनके पूर्वजों ने नागपुर और नासिक रियासतों में भी कई धार्मिक अनुष्ठान कराए थे।
उनके एक पूर्वज प्रसिद्ध पंडित गागा भट्ट थे, जिन्होंने 17वीं शताब्दी में छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कराया था। पंडित लक्ष्मीकांत (Laxmikant Dixit) वाराणसी के मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य रहे हैं।
उनकी (Laxmikant Dixit) गिनती काशी में यजुर्वेद के अच्छे विद्वानों में होती रही है। उन्हें पूजा पद्धति में भी महारत हासिल रहा है। उन्होंने ने वेद और अनुष्ठानों की दीक्षा अपने चाचा गणेश दीक्षित भट्ट से ली थी।