अफगानिस्तान में अपना कब्जा जमाने वाले तालिबान को पंजशीर के लड़ाकों से तगड़ी टक्कर मिल रही है। तालिबान विरोधी फौजें उसके लड़ाकों के सामने बड़ी चुनौती पेश कर रही हैं। एक तरफ पंजशीर में दोनों पक्षों को मुकाबला चल रहा है तो दूसरी तरफ बगलान प्रांत में तालिबान को बड़ा झटका लगा है। दावा किया गया है कि एक हमले में यहां 300 तालिबानी मार गिराए गए हैं, जबकि कई को कैद कर लिया गया है.
BBC की पत्रकार यालदा हकीम ने ट्वीट कर बताया है कि बगलान के अंद्राब में छिपकर तालिबानियों पर ये बड़ा हमला किया गया। हमले में तालिबानियों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। तालिबान विरोधी लड़ाकों की तरफ से दावा किया गया है कि इस हमले में उन्होंने 300 तालिबानियों को मार गिराया है। खबर ये भी है कि हमले के बाद कई तालिबानियों को कैद कर लिया गया है।
Update from the Anti-Taliban resistance – they tell me: Taliban ambushed in Andarab of Baghlan province. At least 300 Taliban fighters were killed. The group is lead by #AhmadMassoud & @AmrullahSaleh2 #Afghanistan pic.twitter.com/uJD1VEcHY1
— Yalda Hakim (@BBCYaldaHakim) August 22, 2021
अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने भी इस हमले की ओर इशारा किया है। एक ट्वीट के जरिए तालिबान पर तंज कसते हुए कहा गया है, ‘जब से तालिबानियों पर बड़ा हमला किया गया है, उसके लिए एक पीस में जिंदा वापस आना भी चुनौती थी। अब तालिबान ने पंजशीर में अपने लड़ाकों की संख्या बढ़ा दी है।’
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बता दें कि तालिबान विरोधी लड़ाकों ने अफगानिस्तान के उत्तरी बगलान प्रांत के तीन जिलों से तालिबान को बाहर कर दिया था। इन लड़ाकों ने पुल-ए हिसार, देह सलाह और बानू जिले पर शुक्रवार को अपना कब्जा कर लिया था, लेकिन तालिबान ने शनिवार को फिर से बानू पर कब्जा जमा लिया था। अब बचे हुए दो जिलों को वापस लेने के लिए तालिबान लड़ाई लड़ रहे हैं।
लेकिन पंजशीर के नेता अहमद शाह मसूद के 32 वर्षीय बेटे अहमद शाह ने कहा है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाकों को तालिबान को नहीं सौंपेंगे। वहीं उनकी तरफ से इस बात पर भी जोर दिया गया है कि वे युद्ध नहीं चाहते हैं। लेकिन अगर तालिबान संग बातचीत बेनतीजा रहती है, तो युद्ध को भी कोई नहीं टाल सकता है। ऐसे में पंजशीर के लड़ाके हर परिस्थिति के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ तालिबान किसी भी स्थिति में अब पंजशीर में अपना कब्जा जमाना चाहता है। उसे इस बात का अंदाजा है कि इस इलाके पर कब्जा किए बिना सरकार चलाना काफी मुश्किल रहेगा।
लेकिन अभी पंजशीर के लड़ाकों से पार पाना उसके लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।