नई दिल्ली| बॉलीवुड अभिनेता पंकज त्रिपाठी के अभिनय के साथ ही उनकी शालीनता किसी को भी उनका फैन बना सकती है। उनका सीधा, सौम्य व्यवहार और बिना किसी लाग लपेट के अपनी बात कह देने का अंदाज बिलकुल निराला है। मिर्जापुर वेब सीरीज में कालीन भईया के रोल को जीवित कर देने वाले इस अभिनेता को पूरा एक लॉकडाउन लग गया, खुद उस शो को देखने के लिए। अब जबकि मिर्जापुर का दूसरा सीजन आ चुका है तो पंकज जी अभी तक बस उसके 5 एपिसोड ही देख पाए हैं।
पंकज बताते हैं, “मैंने 5 एपीसोड देख लिए हैं। 5 और देखने बाकी हैं। मैं शो को फास्ट फॉरवर्ड कर लेता हूं और बस अपने सीन देख लेता हूं। बाकी लोगों के सीन आगे बढ़ा देता हूं। लेकिन मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए।”
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पंकज कहते हैं, “धीरे-धीरे तरक्की करने की एक प्रक्रिया होती है। पंकज खुद भी स्लाइस-ऑफ-लाइफ ड्रामा (जिसमें जीवन के किसी एक हिस्से का चित्रण होता है) के फैन हैं। वह कहते हैं मुझे सादगी, ह्यूमर, संगीत और ओल्ड वर्ड चार्म वाली फिल्में पसंद आती हैं। मुझे ये क्राइम, गोली, बंदूक, गाली वाली फिल्में अच्छी नहीं लगतीं। क्षेत्रीय सिनेमा की तारीफ करते हुए उन्होंने कई फिल्मों के नाम लिए जैसै- कोर्ट, तिथि, किल्ला, शिप ऑफ थीसस। चैतन्य तमहाने की फिल्म दि डिसिप्लिन उन्हें अभी देखनी है।
पंकज की अगली फिल्म लूडो आ रही है। इसमें भी वह एक डॉन के रोल में नजर आएंगे। ये फिल्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज की जाएगी। इसमें उनका लुक किसी डॉन के लुक से थोड़ा अलग है। पीले चश्मे पहनने की बात पर वे कहते हैं, “मैं भी स्क्रीन पर पीले चश्में और लाल जूते पहनना चाहता हूं। बस मुझे कभी कोई वो मौका नहीं देता।” फिल्म लूडो में उन्हें रोमांस का मौका भी मिल रहा है। इस पर वह कहते हैं, “सत्तू की एक छोटी सी प्रेम कहानी भी है। फिल्म देखने के बाद लोग उसे एक गैंगस्टर की तरह याद नहीं रखेंगे।”