बुधवार को टोक्यो में चल रहे पैरालिंपिक में भारत को तीन और मेडल मिले। इन 3 पदकों में से दो मेडल पुरुषों की टी42 कैटेगरी के हाई जंप में मिले। इस इवेंट में मरियप्पन थंगावेलू ने रजत पदक और शरद कुमार ने कांस्य पदक जीता। शरद कुमार अपनी जीत के बाद हुई बातचीत में बताया कि एक रात पहले ही उनके साथ एक दुर्घटना हो गई थी। उन्होंने बताया कि उनका घुटना डिसलोकेट हो गया था। वे ठीक तरह से चल भी नहीं पा रहे थे।
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परिवार के सदस्यों, साथी एथलीट्स और दोस्तों ने हौसला बढ़ाया। वह आगे बताते हैं कि रात में उन्होंने भगवत गीता पढ़ी और इससे प्रभावित होकर इवेंट में हिस्सा लिया। कुमार ने बताया कि घुटने में चोट लगने के बाद उन्होंने घर फोन किया।
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शरद ने उम्मीद हारते हुए कहा – अब सब खत्म हो गया। वो बोले कि लगता है मुझे किसी पाप की सजा मिल रही है। फिर परिवार वालों और साथियों ने शरद का हौसला बढ़ाया और उन्हें इवेंट में पार्टिसिपेट करने की हिम्मत दी। जिसके बाद उन्होंने इतिहास रच दिया।