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परिवर्तनी एकादशी पर बन रहे हैं 3 शुभ संयोग, जानें पूजा विधि और मुहूर्त

Parivartini Ekadashi

Parivartini Ekadashi

हर महीने की शुक्ल व कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर विष्णु भक्त व्रत रखते हैं। एकादशी तिथि विष्णु भक्तों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने व विष्णु भगवान की उपासना करने से जातक के कष्टों का निवारण हो सकता है। भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि पर व्रत रख विष्णु भगवान का ध्यान किया जाएगा। यह एकादशी परिवर्तनी एकादशी कहलाएगी। आइए जानते हैं परिवर्तनी एकादशी (Parivartani Ekadashi) की डेट, शुभ योग, मुहूर्त, पूजा-विधि व मंत्र-

कब है परिवर्तनी एकादशी (Parivartani Ekadashi) –

दृक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि सितम्बर 13, 2024 को रात 10 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी। तिथि की समाप्ति सितम्बर 14, 2024 को 08 बजकर 41 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार, एकादशी का व्रत 14 सितंबर को रखा जाएगा।

परिवर्तनी एकादशी (Parivartani Ekadashi) पर शुभ संयोग-

दृक पंचांग के अनुसार, परिवर्तनी एकादशी के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन शोभन योग शाम 6:18 बजे तक रहेगा। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग रात 8:32 बजे से सुबह 06:06, सितम्बर 15 तक व रवि योग सुबह 06:06 बजे से 08:32 बजे तक रहेगा। उत्तराषाढा नक्षत्र रात 8:32 बजे तक रहेगा , जिसके उपरांत श्रवण नक्षत्र लगेगा। ये योग व नक्षत्र शुभ माने जाते हैं, जिनमें किए गए कार्य सफल सिद्ध होते हैं।

परिवर्तनी एकादशी (Parivartani Ekadashi)  के दिन कैसे करें पूजा?

– स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें

– भगवान श्री हरि विष्णु का जलाभिषेक करें

– प्रभु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें

– अब प्रभु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें

– मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें

– संभव हो तो व्रत रखें और व्रत रखने का संकल्प करें

– परिवर्तनी एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें

– ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें

– पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें

– प्रभु को तुलसी सहित भोग लगाएं

– अंत में क्षमा प्रार्थना करें

मंत्र- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय, ॐ विष्णवे नम:

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