राष्ट्रीय डेस्क. कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिपब्लिक टीवी एंकर अर्णब गोस्वामी को जमानत देने पर कॉमेडियन कुणाल कामरा ने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ कुछ ट्वीट किया था. इस ट्वीट को सुप्रीम कोर्ट ने न्यायालय का निरादर मानते हुए कुणाल कामरा के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिए थे. इसी सिलसिले में आज संसदीय समिति ने ट्विटर के अधिकारियों से पूछा है कि कुणाल कामरा के ट्वीट को लेकर अभी तक कोई कार्यवाही क्यूँ नही की गयी.
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A joint committee of Parliament for Data Protection asks Twitter why it has not taken action against the tweets by comedian Kunal Kamra (in file pic) about the Chief Justice of India pic.twitter.com/2JOdKAOAzr
— ANI (@ANI) November 19, 2020
मीनाक्षी लेखी की अगुआई वाली संसदीय समिति ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे को लेकर किए गए आपत्तिजनक ट्वीट के खिलाफ कार्रवाई में देरी को लेकर ट्विटर पर सवाल उठाए। मीनाक्षी लेखी ने ट्विटर से पूछा कि उसने मुख्य न्यायाधीश बोबडे को लेकर किए गए आपत्तिजनक ट्वीट के मामले में कुणाल कामरा के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई।वहीं कुणाल कामरा के ट्वीट पर ट्विटर ने कहा कि जब तक अदालत आदेश जारी नहीं करेगी, तब तक कंपनी कुणाल कामरा के ट्वीट नहीं हटा सकता।
On Kunal’s tweet, Twitter said that the post cannot be removed unless the court issues such orders: BJP MP Meenakshi Lekhi, on a joint parliamentary committee questioning Twitter regarding inaction against Kunal Kamra’s tweet on CJI Bobde https://t.co/szi4gKnigc pic.twitter.com/PjAmGtOCkp
— ANI (@ANI) November 19, 2020
मीनीक्षी लेखी ने कहा, ”हमने इस मामले में ट्विटर से सात दिनों के भीतर जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि हालांकि, इस संबंध में भारत में कोई कानून नहीं है, इसलिए हमें ऐसे सेवा प्रदाता कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से बात करनी होगी।” लेखी ने कहा कि ट्विटर, सुप्रीम कोर्ट जैसी बड़ी सांवैधानिक अथॉरिटीज का अपमान करने के लिए अपने प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करने दे रहा है
बता दें कि कामरा ने आत्महत्या के एक मामले में टीवी एंकर अर्नब गोस्वामी को जमानत देने पर सुप्रीम कोर्ट पर ट्वीट कर हमला बोला था और अर्नब को जमानत देने का विरोध किया था। इसके बाद उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही शुरू की गई है। लॉ के दो छात्रों और दो वकीलों ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को पत्र लिखकर अवमानना का केस चलाने की अनुमति मांगी थी, जिसे वेणुगोपाल ने दी दी थी।
अपने खिलाफ अवमानना का केस चलाने की इजाजत देने पर भी कामरा ने ट्वीट किया था और कहा था कि वो न तो ट्वीट हटाएंगे और न ही इसके लिए माफी मांगेंगे।