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संसदीय समिति ने ट्विटर पर साधा निशाना, क्यूँ नही की कुणाल कामरा पर कार्रवाई

राष्ट्रीय डेस्क.   कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिपब्लिक टीवी एंकर अर्णब गोस्वामी को जमानत देने पर कॉमेडियन कुणाल कामरा ने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ कुछ ट्वीट किया था. इस ट्वीट को सुप्रीम कोर्ट ने न्यायालय का निरादर मानते हुए कुणाल कामरा के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिए थे. इसी सिलसिले में आज संसदीय समिति ने ट्विटर के अधिकारियों से पूछा है कि कुणाल कामरा के ट्वीट को लेकर अभी तक कोई कार्यवाही क्यूँ नही की गयी.

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मीनाक्षी लेखी की अगुआई वाली संसदीय समिति ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे को लेकर किए गए आपत्तिजनक ट्वीट के खिलाफ कार्रवाई में देरी को लेकर ट्विटर पर सवाल उठाए। मीनाक्षी लेखी  ने ट्विटर से पूछा कि उसने मुख्य न्यायाधीश  बोबडे को लेकर किए गए आपत्तिजनक ट्वीट के मामले में कुणाल कामरा के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई।वहीं कुणाल कामरा के ट्वीट पर ट्विटर ने कहा कि जब तक अदालत आदेश जारी नहीं करेगी, तब तक कंपनी कुणाल कामरा के ट्वीट नहीं हटा सकता।

मीनीक्षी लेखी ने कहा, ”हमने इस मामले में ट्विटर से सात दिनों के भीतर जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि हालांकि, इस संबंध में भारत में कोई कानून नहीं है, इसलिए हमें ऐसे सेवा प्रदाता कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से बात करनी होगी।” लेखी ने कहा कि ट्विटर, सुप्रीम कोर्ट जैसी बड़ी सांवैधानिक अथॉरिटीज का अपमान करने के लिए अपने प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करने दे रहा है

बता दें कि कामरा ने आत्महत्या के एक मामले में टीवी एंकर अर्नब गोस्वामी को जमानत देने पर सुप्रीम कोर्ट पर ट्वीट कर हमला बोला था और अर्नब को जमानत देने का विरोध किया था। इसके बाद उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही शुरू की गई है। लॉ के दो छात्रों और दो वकीलों ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को पत्र लिखकर अवमानना का केस चलाने की अनुमति मांगी थी, जिसे वेणुगोपाल ने दी दी थी।
अपने खिलाफ अवमानना का केस चलाने की इजाजत देने पर भी कामरा ने ट्वीट किया था और कहा था कि वो न तो ट्वीट हटाएंगे और न ही इसके लिए माफी मांगेंगे।

 

 

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