Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

यात्री कृपया ध्यान दें : कोरोना वायरस से बचाएंगे भारतीय रेलवे के नए कोच, जानिए कैसे

नई दिल्ली। कोरोना काल मे भारतीय रेलवे ने यात्रियों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाने के लिए कई उपाय किए हैं। रेलवे की कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री ने एक ऐसा कोच विकसित किया है, जो यात्रियों को कोरोना के खतरे से बचाएगा।

रेलवे ने बताया है कि पोस्ट कोविड कोच को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कोरोना संक्रमण से बचा जा सके। रेलवे के मुताबिक, इन कोचों में दी गईं सुविधाओं का इस्तेमाल उन्हें हाथ से छुए बिना ही किया जा सकता है। कोच में कॉपर कोटेड हैंडरेल और चिटकनी, प्लाज्मा एयर प्यूरिफिकेशन और टाइटेनियम डाई-ऑक्साइड कोटिंग है।

यूपी में कम्प्लीट लॉकडाउन पर योगी सरकार ले सकती है जल्द बड़ा फैसला

रेल मंत्रालय के प्रवक्ता डी.जे. नरेन के मुताबिक इस कोच में चार खूबियां हैं। इसमें ऐसी सुविधाएं दी गई हैं, जिनको हाथ से छुए बिना ही इस्तेमाल किया जा सकता है। पानी के नल और सोप डिस्पेंसर को पैर से ऑपरेट किया जा सकता है। साथ ही लैवेटरी का दरवाजा, फ्लश वाल्व, लैवेटरी के दरवाजे की चिटकनी, वॉशबेसिन पर लगा नल और सोप डिस्पेंसर को पैर से ऑपरेट किया जा सकता है।

इसमें कॉपर कोटेड हैंडरेल और चिटकनियां हैं। इसकी वजह यह है कि कॉपर कुछ ही घंटे में वायरस को नष्ट कर देता है। कॉपर में एंटी माइक्रोबियल खूबी होती है। यह वायरस के भीतर डीएनए और आरएनए को नष्ट कर देता है।

सीबीएसई 10वीं का रिजल्ट जारी, यहां करें चेक

उन्होंने बताया कि एसी डस्ट में प्लाज्मा प्यूरीफायर का इस्तेमाल किया गया है। इससे कोच के अंदर की हवा को शुद्ध और विषाणु रहित किया जा सकेगा। प्रवक्ता ने बताया कि कोच को टाइटेनियम डाई ऑक्साइड की कोटिंग की जाएगी। यह फोटो एक्टिव मैटेरिल के रूप में काम करेगी और कोच के अंदर की आद्रता, वायरस, वैक्टीरिया आदि को मारने में सहायक होगी।

इसका इस्तेमाल वाश बेशिन, सीट, गद्दे, टेबल, खिड़की शीशे पर जमे वैक्टीरिया को खत्म करने में सहायक होगा। इस प्रकार की कोटिंग 12 महीने तक प्रभावी रह सकती है।

Exit mobile version