नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव की पतंजलि कंपनी को गुरुवार को बड़ी राहत प्रदान की है। कोर्ट के फैसले के पतंजलि अब ‘कोरोनिल’ ट्रेडमार्क का इस्तेमाल कर सकेगी। कोर्ट ने उस याचिका को सुनने से इनकार कर दिया है, जिसमें पतंजलि को ‘कोरोनिल’ ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने से रोक लगाने की मांग की गई थी। पतंजलि ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर ‘कोरोनिल’ दवा लॉन्च की थी।
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यह पूरा मामला ‘कोरोनिल’ ट्रेडमार्क से संबंधित था, न कि ‘कोरोनिल’ के फायदे आदि से। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एस ए बोबडे ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। मद्रास हाईकोर्ट ने 14 अगस्त को पतंजलि को बड़ी राहत दी थी और हाईकोर्ट के पहले एकल पीठ के फैसले पर रोक लगा दी थी।
बता दें कि एकल पीठ ने अपने पहले के फैसले में पतंजलि को ‘कोरोनिल’ ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने से रोक दिया था। इसके साथ ही कंपनी पर 10 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया था। कोर्ट में यह याचिका प्राइवेट फर्म अरूद्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर की गई थी।
अरूद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड ने कहा था कि कोरोनिल 1993 से उसका ट्रेडमार्क है। कंपनी के अनुसार, उसने 1993 में कोरोनिल-213 एसपीएल और कोरोनिल -92बी का पंजीकरण कराया था। वह तब से उसका नवीकरण करा रही है। यह कंपनी भारी मशीनों और इकाईयों को साफ करने के लिए रसायन और सैनेटाइजर बनाती है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एस ए बोबडे ने कहा कि कोविड-19 के इस दौर में अगर हम कोरोनिल नाम का इस्तेमाल करने से रोक लगाते हैं। तो यह कंपनी के लिए गलत होगा।