Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

छठ पर्व पर पटना दुल्हन की तरह सजा, गंगा घाटों में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था

छठ पर्व Chhath Puja

Chhath Puja

पटना। लोक आस्था का पर्व छठ को लेकर पटना सहित पूरा बिहार भक्तिमय नजर आ रहा है। चार दिवसीय इस अनुष्ठान के दूसरे दिन गुरुवार की शाम व्रतियों ने खरना किया, जबकि शुक्रवार की शाम व्रती गंगा के तट और विभिन्न जलाशयों में पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य अर्पित करेंगे।

बिहार के पूरे मुहल्लों से लेकर गंगा तटों तक यानी पूरे इलाके में छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंज रहे हैं। राजधानी पटना की सभी सड़कें दुल्हन की तरह सज गई हैं, जबकि गंगा घाटों में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है।

राजधानी की मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक की सफाई की गई है। आम से लेकर खास तक के लोगों ने सड़कों की सफाई में व्यस्त हैं। हर कोई छठ पर्व में हाथ बंटाना चाह रहा है। पटना में कई पूजा समितियों द्वारा भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित की गई है। कई स्थानों पर तोरण द्वार लगाए गए हैं तो कई पूजा समितियों द्वारा लाइटिंग की व्यवस्था की गई है।

WHO में फिर शामिल होगा अमेरिका, बाइडन ने पलटा ट्रंप का फैसला

पटना में जिला प्रशासन द्वारा छठ पर्व के मद्देनजर नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। पटना के गंगा तट के 23 घाटों को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है जबकि कई स्थानों पर भगवान भास्कर को अघ्र्य देने के लिए अस्थायी तालाब बनाए गए हैं।

प्रशासन द्वारा असुरक्षित घोषित किए गए घाटों पर व्रतियों को नहीं जाने की चेतावनी दी जा रही है। कोरोना काल के कारण इस वर्ष गंगा घाट पर कम भीड़ होने की उम्मीद जताई गई है।

पटना के प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने छठ पर्व को लेकर गंगा नदी में निजी नाव के परिचालन पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। आयुक्त ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने के भी निर्देश दिए है। उन्होंने बताया कि घाटों पर बनाए गए नियंत्रण कक्षों में चिकित्साकर्मी, नाविक और गोताखोरों को तैनात किया गया है। खतरनाक घाटों की बैरिकेडिंग की गई है।

उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भी तैनात किया गया है। इधर, मुजफ्फरपुर, सासाराम, मुंगेर, औरंगाबाद, खगड़िया, भागलपुर सहित राज्य के सभी जिले के गांव से लेकर शहर तक लोग छठ पर्व की भक्ति में डूबे हैं। औरंगाबाद के देव स्थित प्रसिद्ध सूर्य मंदिर परिसर में कोरोना के कारण छठ मेला पर रोक लगा दी गई है। हालांकि कई श्रद्धालु पहुंचे हैं।

गुरुवार की शाम व्रतियों ने भगवान भास्कर की अराधना की और खरना किया। खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ हो गया। खरना का प्रसिद्ध प्रसाद गुड़ की बनी खीर और घी लगी रोटी लेने के लिए लोग देर रात तक व्रती के घर पहुंचते रहे।

शुक्रवार की शाम छठव्रती नदी, तालाबों सहित विभिन्न जलाशयों में पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य अर्पित करेंगे। पर्व के चौथे दिन यानी शनिवार सुबह उदीयमान सूर्य के अघ्र्य देने के बाद ही श्रद्धालुओं का व्रत समाप्त हो जाएगा। इसके बाद व्रती फिर अन्न-जल ग्रहण कर व्रत समाप्त करेंगे।

Exit mobile version