राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव समेत कुल 18 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि कोविड-19 महामारी के दौरान ये लोग बिना इजाजत के गांधी मैदान के बाहर किसानों के मुद्दे को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। इन लोगों के खिलाफ पटना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
तेजस्वी के नेतृत्व में आरजेडी और कांग्रेस के नेता आज सुबह गांधी मैदान के गेट नंबर 4 पर किसानों के मुद्दे को लेकर धरने पर बैठ गए। इस दौरान सभी प्रदर्शनकारियों को बार-बार प्रशासन के लोगों ने समझाया और वहां से हटने की गुजारिश की मगर इसके बावजूद भी कोई भी वहां से हटने को तैयार नहीं हुआ।
तेजस्वी समेत जिन अन्य नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है उसमें विधायक आलोक मेहता, रामानंद यादव, पूर्व मंत्री श्याम रजक, रमई राम, पूर्व विधायक शक्ति सिंह यादव। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और अन्य शामिल है। इन सभी के खिलाफ धारा 188, 145, 269 और 279 तथा महामारी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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इससे पहले कृषि कानून 2020 के विरोध में पटना के गांधी मैदान पहुंचे तेजस्वी यादव ने कहा कि आज हम लोग यहां बापू के सामने संकल्प लेंगे कि किसानों के संघर्षों के साथ हम लोग मजबूती के साथ खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि एमएसपी की जहां तक बात है तो किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए। सरकार की तरफ से एमएसपी का जिक्र ना होने का मतलब है कि कृषि क्षेत्रे निजी हाथों में बेचा जा रहा है और इसकी निजीकरण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि संसद का विशेष सत्र सरकार बुलाए और एमएसपी की बात लिखित में दे। अगर सरकार को किसानों की इतनी चिंता है तो। उन्होंने कहा कि 8 तारीख को बुलाए गए भारत बंद का समर्थन हम भी करेंगे। किसानों के साथ पूरा देश खड़ा है।
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तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर एमएसपी नहीं होगी तो किसानों को दबाया जाएगा। हमारी मांग है कि मंडी व्यवस्था कायम हो और किसानों को उचित दाम मिले। एग्रीकल्चर सेक्टर निजी हाथों में नहीं जाना चाहिए।