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लखनऊ नगर निगम में करोड़ों के खेल पर सवाल, जवाब देने में पसीना-पसीना अफसर

nagar nigam

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लखनऊ। लखनऊ नगर निगम (Lucknow Nagar Nigam) में वित्तीय वर्ष 2015-16 (2015-16 Financial Year) में कम काम के लिए ज्यादा भुगतान करने के मामले ने एक बार फिर अफसरों और कर्मचारियों की नींद उड़ाई है। दो करोड़ रुपये से ज्यादा की इस अनियमितता में अब विधानसभा समिति (Assembly Committee) ने रिपोर्ट तलब की है। नगर निगम (Nagar Nigam) के अफसर 10 वर्ष से इस मामले को लगातार दबाते चले आ रहे हैं।

कम काम के लिए अधिक भुगतान देने के 41 मामले हैं। इंजीनियरों और अधिकारियों ने नगर निगम से दो करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान लेने समेत काम में फर्जीवाड़ा करके करोड़ों का गोलमाल किया है। वित्तीय वर्ष 2015-16 की ऑडिट में ऐसे तमाम मामले सामने आए थे, मगर उनको दबा दिया गया था। अब वह फिर बाहर आ गए हैं।
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दो करोड़ से अधिक के नुकसान पर जवाब मांगा

बीती 25 सितंबर को हुई विधानसभा की लेखा संपरीक्षा समिति की बैठक में वित्तीय वर्ष 2015-16 (2015-16 Financial Year) की ऑडिट रिपोर्ट में उठाई गईं भुगतान से जुड़ी आपत्तियों पर भी चर्चा हुई। अब शासन ने इस मामले में नगर विकास विभाग रिपोर्ट तलब की है। कुल 41 मामलों में करीब दो करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान पर जवाब मांगा है।

जानकारों ने बताया कि नगर निगम में 10 साल पहले घपले पर पहले भी जवाब मांगा जा चुका है। हर बार अफसरों ने मामले को दबाने की कोशिश। न कभी घपले को गंभीरता से लिया, न ही ऑडिट की आपत्तियों पर कार्रवाई की। शासन की सख्ती के बाद सबसे अधिक हड़कंप नगर निगम के अभियंत्रण और लेखा विभाग में है, क्योंकि ज्यादातर मामले इन्हीं विभागों से जुड़े हैं।

ऑडिट में सामने आए थे ये प्रमुख मामले

शीतला देवी वार्ड में रबर मोल्डिंग टाइल्स का काम कराए जाने से 2.13 लाख रुपये का अधिक भुगतान।

ऐशबाग वार्ड में इंटरलॉकिंग के काम में 45374 रुपये का अधिक भुगतान।

चिनहट वार्ड के विपिन खंड गोमती नगर में इंटरलाॅकिंग से अधिक रबर मोल्डिंग टाइल्स का काम दिखाकर 11276 रुपये का अधिक भुगतान।

कुंवर ज्योति प्रसाद वार्ड में कम टाइल्स लगाकर 46347 रुपये गलत भुगतान।

कन्हैया माधवपुर वार्ड में सड़क निर्माण में 34446 रुपये का अधिक भुगतान।

बालागंज वार्ड के सरफराजगंज में इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण में अनियमितता से 1.82 लाख रुपये का अधिक भुगतान। यह तो उदाहरण मात्र हैं ऐसे और मामले हैं।

नगर आयुक्त ने मांगा जवाब, न देने पर होगी रिकवरी

ऑडिट आपत्तियों को लेकर विधानसभा की समिति के सख्त रुख को देखते हुए नगर आयुक्त गौरव कुमार ने संबंधित अधिकारियों को सख्त पत्र लिखा है। उन्होंने ऑडिट आपत्तियों का एक-दो दिन में निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। ऐसा न करने पर संबंधित से रिकवरी के करने की चेतावनी दी गई है।

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