लाइफस्टाइल डेस्क। इंसानी शरीर की रचना भगवान द्वारा की गई है। एक मस्तिष्क, दो आंख-कान, एक नाक, खाने और बोलने के लिए एक मुंह, दो हाथ-पैर सभी के पास होते हैं। हालांकि, शरीर की बनावट सबकी अलग-अलग होती है। कहते हैं हमारा शरीर व उसकी बनावट भले जैसी हो, हमें उससे प्यार करना चाहिए। लेकिन आजकल के टीनएजर्स (14-18 साल की उम्र के बच्चे) को अपने शरीर की बनावट पसंद नहीं आती है, और उनके डिप्रेशन में जाने का ये भी एक कारण हो सकता है। लेकिन ऐसा हम नहीं बल्कि नीदरलैंड्स की हाल ही में सामने आई एक रिसर्च कहती है।
दरअसल, ये रिसर्च जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिटी में पब्लिश हुई, जो बताती है कि अगर टीनएजर्स अपने शरीर की बनावट से खुश नहीं है, तो फिर वो डिप्रेशन का भी शिकार हो सकते हैं। रिसर्च के मुताबकि, 60 फीसदी टीनएजर्स अपने शरीर से खुश नहीं हैं। इसका एक बड़ा कारण सोशल मीडिया को माना जा रहा है, क्योंकि लगभग हर दूसरा बच्चा इससे जुड़ा हुआ है।
आजकल के बच्चे जब भी अपनी किसी फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं, तो वो अपने शरीर की बनावट को परफेक्ट यानी बिल्कुल सही चाहते हैं। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्हें काफी बुरा लगता है। रिसर्च में सामने आया कि लड़कों के मुकाबले लड़कियां ज्यादा अपने शरीर की बनावट से असंतुष्ट थीं। इस चीज को समझने के लिए ब्रिटेन में अलग-अलग उम्र के टीनएजर्स पर रिसर्च किया गया।
जहां पहले ग्रुप में 14 साल के टीनएजर्स को शामिल किया गया, तो वहीं दूसरे ग्रुप में 18 साल के टीनएजर्स को रखा गया जो कि डिप्रेशन से जूझ रहे थे। सभी के शरीर की बनावट, ब्रेस्ट, पैर, वजन, पेट, हिप्स, बाल, फेस के बारे में रेटिंग कराई गई। वहीं, जब पता लगाया गया कि ये डिप्रेशन में क्यों हैं तो पता चला कि लड़के और लड़कियां दोनों ही अपने शरीर की बनावट से संतुष्ट नहीं थे, जिसमें लड़कियों की संख्या लड़कों के मुकाबले ज्यादा थी।