मुजफ्फराबाद। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में एक बार फिर इस्लामाबाद का दमनकारी चेहरा उजागर हुआ है। पीओके के मुजफ्फराबाद शहर में सोमवार रात चीनी कंपनियों द्वारा नीलम-झेलम नदी पर मेगा बांधों के निर्माण को लेकर लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया।
‘दरिया बचाओ, मुजफ्फराबाद बचाओ’ समिति से आने वाले प्रदर्शनकारियों ने ‘नीलम-झेलम बहने दो, हमें जिंदा रहने दो’ जैसे नारे लगाए। इस रैली में शहर और पीओके के अन्य हिस्सों से आए हजारों प्रदर्शनकारी शामिल हुए।
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चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के हिस्से के रूप में 700.7 मेगावाट बिजली के लिए आजाद पट्टन हाइडल पावर परियोजना पर 6 जुलाई, 2020 को हस्ताक्षर किए गए थे। 1.54 बिलियन डॉलर की परियोजनाएं चीन गेझूबा ग्रुप कंपनी (सीजीजीसी) द्वारा प्रायोजित की जाएंगी।
#WATCH: Protests and torch rally took place in Muzaffarabad city of Pakistan occupied Kashmir (PoK) last night, against the construction of mega-dams that will be built by Chinese firms on Neelum-Jhelum river. pic.twitter.com/aJhGPdfjnw
— ANI (@ANI) August 25, 2020
झेलम नदी पर बनाया जाने वाला कोहाला हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट पीओके के सुधनोटी जिले में आजाद पट्टन पुल से लगभग 7 किमी और पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से 90 किमी दूर है।
चीन थ्री गोरजेस कॉरपोरेशन, अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) और सिल्क रोड फंड द्वारा प्रायोजित इस परियोजना के साल 2026 तक पूरे होने की उम्मीद है।
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चीन और पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के नाम पर पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों को संयुक्त रूप से मिलकर लूटने में लगे हुए हैं। इस कारण पाकिस्तानी कब्जे वाले इस क्षेत्र में लोगों के बीच बीजिंग और इस्लामाबाद को लेकर खासी नाराजगी है।