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इस गांव में चलते-चलते सड़क पर सो जाते है लोग, कई महीनों तक लेते हैं नींद

sleeping village

चलते-चलते सो जाते है यहाँ के लोग

इंसान को जब नींद आती है तो वह सब कुछ छोड़कर सोने लगता है। इंसान तब तक सोता रहता है जबतक उसकी नींद पूरी ना हो जाए। कुछ लोग दो-चार घंटे सोते हैं तो कुछ लोग सात-आठ घंटे की नींद लेते हैं। लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि लोग चलते-चलते सड़क पर सो जाएं।

कजाकिस्तान में एक ऐसा ही गांव है जहां के लोग चलते-चलते सड़क पर सो जाते हैं। इतना सोने के बाद भी वो कई दिनों तक नींद के आगोश में रहते हैं। कलाची नाम के इस गांव में लोग इतना सोते हैं जिसकी कोई भी कल्पना नहीं कर सकता। उत्तरी कजाकिस्तान में बसे इस गांव के लोग सोने की रहस्यमयी बीमारी से पीड़ित हैं।

ये लोग एक बार सोने के बाद कई दिनों और महीनों तक नहीं उठते हैं। सबसे पहले कलाची गांव से कई दिनों तक सोने का पहला मामला 2010 में आया था। यहां कुछ बच्चे अचानक से स्कूल में गिर गए थे। इसके बाद वह सोने लगे थे। फिर इस गांव में इस बीमारी के शिकार लोगों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी।

इसके बाद से वैज्ञानिक गांव पर लगातार रिसर्च कर रहे हैं, लेकिन आज तक इस बीमारी के बारे में वैज्ञानिकों को पता नहीं चल सका है। डॉक्टर और वैज्ञानिक इस बीमारी के बारे में पता नहीं लगा सके हैं कि यहां के लोग आखिर इतने दिनों तक सोए कैसे रहते हैं। यह दूषित पानी की वजह से भी नहीं हो रहा है। इस गांव को अब ‘स्लीपी होलो’ कहा जाने लगा है।

गांव की आबादी करीब 600 लोगों की है. गांव के 14 फीसदी से ज्यादा लोग इस रहस्यमयी बीमारी से पीड़ित हैं। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात है कि जिन्हें यह बीमारी है उनको पता भी नहीं चलता कि वो सो गए हैं। यहां के लोग कहीं भी सोते हुए मिल जाएंगे। मार्केट, स्कूल अथवा सड़क पर लोग चलते-चलते सो जाते हैं। उसके बाद वह कई दिनों तक सोते रहते हैं।

इस गांव के पास कभी यूरेनियम की खादान हुआ करती थी। अब यह खादान बंद हो चुकी है। खादान में जहरीला रेडिएशन होता था। माना जा रहा है कि हो सकता है कि इस खदान की वजह से लोगों को ऐसी अजीब बीमारी ने जकड़ लिया हो। हालांकि अभी रेडिएशन की कोई खास मात्रा इस गांव में मौजूद नहीं है।

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