बसंत पंचमी (Basant Panchami) का पर्व हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना गया है। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा का विधान है। इसलिए इस दिन को सरस्वती पूजा भी कहा जाता है। बसंत पंचमी का पर्व वसंत ऋतु के आगमन भी प्रतीक होता है। धार्मिक मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती प्रकट हुईं थीं। इसी कारण हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है।
2 फरवरी को बसंत पंचमी (Basant Panchami) का पर्व मनाया जाएगा। ऐसे में अगर आप बसंत पंचमी से जुड़ी कोई भी जानकारी जानना चाहते हैं, तो वह आपको इस लेख में मिल जाएगी। आइए जानें बसंत पंचमी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र समेत सारी डिटेल।
सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त कब से कब तक है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, सरस्वती पूजा के लिए माघ शुक्ल पंचमी तिथि 2 फरवरी, रविवार को सुबह 09:14 बजे से शुरू होकर 3 फरवरी को सुबह 06:52 बजे तक मान्य रहेगी।
सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त कब है?
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती पूजा का मुहूर्त 02 फरवरी को सुबह 7:09 मिनट से लेकर दोपहर 12:35 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस दिन सरस्वती पूजा के लिए सिर्फ 5 घंटे 26 मिनट का समय मिलेगा।
बसंत पंचमी (Basant Panchami) पर किस मंत्र का जाप करना चाहिए?
बसंत पंचमी के दिन, भक्त शक्तिशाली मंत्रों के जाप के माध्यम से देवी सरस्वती को प्रसन्न कर सकते हैं। ‘ॐ ऐं वाग्देव्यै विद्महे कामराजाय धीमहि’ और ‘ॐ ऐं ऐं ह्रीं ह्रीं ह्रीं सरस्वत्यै नमः’ जैसे मंत्रों से आप देवी सरस्वती की कृपा पा सकते हैं।
सरस्वती पूजा घर पर कैसे करें?
बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर पीले कपड़े पहनें। फिर पूजा स्थल पर एक चौकी रखकर पीला वस्त्र बिछाएं और उस पर माता सरस्वती की फोटो या प्रतिमा रखें। इसके बाद मंदिर कलश, भगवान गणेश और नवग्रह का पूजन कर मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा शुरू करें। फिर माता के मंत्रों और श्लोकों का जाप करें।
बसंत पंचमी (Basant Panchami) का व्रत कैसे रखा जाता है?
बसंत पंचमी का व्रत रखने के लिए सुबह उठकर नहा-धोकर शुद्ध हो जाएं और पूजा-आराधना करने के बाद ही किसी चीज का सेवन करें। जब तक आपने माता सरस्वती का पूजन नहीं किया है, तब तक किसी नमकीन या अनाज का सेवन न करें। माता सरस्वती के पूजन में चढ़े हुए भोग से व्रत खोलना चाहिए।
सरस्वती मां का प्रिय भोग क्या है?
केसर की खीर को देवी सरस्वती का का प्रिय भोग कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती को केसर की खीर को भोग लगाया जाए तो मां सरस्वती प्रसन्न हो जाती हैं।
बसंत पंचमी (Basant Panchami) पर कौन सा रंग पहनना है?
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए। पीला रंग बसंत पंचमी का प्रतीकात्मक रंग है और यह ऊर्जा और समृद्धि को दर्शाता है।
बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन लोग क्या करते हैं?
बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा करते हैं। पूजा में सफेद फूल, पीले वस्त्र और सफेद तिल आदि अर्पित किया जाता है। मां सरस्वती के चरणों में वीणा और पुस्तक रखना शुभ माना जाता है। इस दिन लोग मां से ज्ञान और विद्या की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।
बसंत पंचमी (Basant Panchami) किसकी पूजा होती है?
माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। इसी पूजा के महापर्व को बसंत पंचमी कहते हैं।
बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन क्या नहीं खाना चाहिए?
बसंत पचंमी के दिन तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। बसंत पंचमी के मौके पर प्याज और लहसुन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और सिर्फ सात्विक भोजन ही करना चाहिए।
बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन क्या दान करना चाहिए?
बसंत पंचमी के दिन अन्न का दान करना बेहद शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि बसंत पंचमी के अनाज के दान से धन-धान्य की कमी नहीं रहती है। इस दिन पीली चीजों के दान को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है, इसलिए पीली मिठाई या पीले वस्त्र दान जरूर करें।
सरस्वती पूजा में कौन सा फूल चढ़ाया जाता है?
बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा में कमल के फूल का प्रयोग किया जाता है। कमल का फूल चढ़ाने से सरस्वती देवी प्रसन्न होती हैं।