देश में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के बीच अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी देखने को मिल रही है। इस बीच 27 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता ग्रुप को तमिलनाडु स्थित स्टरलाइट कॉपर प्लांट में ऑक्सीजन प्रोडक्शन यूनिट शुरू करने की इजाजत दे दी।
अब सुप्रीम कोर्ट ने इस प्लांट की ऑक्सीजन प्रोडक्शन यूनिट को दोबारा शुरू करने की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “प्लांट को सिर्फ ऑक्सीजन उत्पादन के लिए खोला जा सकेगा और किसी काम के लिए नहीं। “सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऑक्सीजन को उत्पादन के बाद केंद्र को दिया जाए और फिर वो राज्यों को आवंटन करेगा।
वेदांत की तरफ से पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, “हम सिर्फ ऑक्सीजन प्लांट को चलाएंगे, पावर प्लांट को नहीं। बिजली राज्य मुहैया कराएगा।”सुनवाई के दौरान जब सॉलिसिटर जनरल और दूसरे वकीलों के बीच बहस हुई तो जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “हम एक राष्ट्रीय संकट में हैं। हमें एक कोर्ट के तौर पर देश को मदद देनी है।”
तमिलनाडु सरकार से भी मिली इजाजत
26 अप्रैल को तमिलनाडु सरकार ने वेदांता प्लांट को ऑक्सीजन उत्पादन के लिए फिर से खोलने की अनुमति दी थी. वेदांता के स्टरलाइट प्लांट को केवल चार महीनों के लिए खोला जाएगा।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसमें विपक्ष भी शामिल हुआ। इस बैठक में प्लांट को ऑक्सीजन उत्पादन के लिए फिर से खोले जाने पर सहमति बनी।