नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में ऑफलाइन परीक्षा (offline examination) आयोजित करने के खिलाफ दाखिल याचिका को उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। याचिका में दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के 11 फरवरी, 2022 को जारी उस आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसमें कहा गया था कि मई 2022 में सेमेस्टर परीक्षा आफलाइन होगी। जस्टिस रेखा पल्ली ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि ‘अभी मामले में किसी भी तरह का आदेश पारित करने का सही समय नहीं है।’
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हालांकि,उन्होंने ऑफलाइन परीक्षा (offline examination) को चुनौती देने वाले छात्रों को इस बात की छूट दी है कि यदि कोरोना महामारी के चलते परिस्थितियों में कोई बदलाव होता है तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
छात्रों की ओर से अधिवक्ता अजय कुमार श्रीवास्तव ने न्यायालय को बताया कि राजधानी में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण तेजी फैल रहा है और दिल्ली में बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं, ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन को 11 फरवरी के अपने उस आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए जिसके तहत आफलाइन मोड में परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले 65 फीसदी से अधिक छात्र दिल्ली से बाहर हैं और उनके पास अपने कॉलेजों की यात्रा करने के लिए अपने स्वयं के वाहन नहीं हैं।
अधिवक्ता ने कहा है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए आफलाइन मोड में परीक्षा आयोजित करना उचित नहीं होगा। अधिवक्ता ने कहा कि छात्रों ने ऑनलाइन मोड के माध्यम से अपना सेमेस्टर पूरा किया है, ऐसे में उनको ऑफलाइन मोड के माध्यम से परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।