इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानपुर से विधायक विजय मिश्र के बेटे विष्णु मिश्र की उंस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उसने भदोही से अन्यत्र आत्मसमर्पण (सरेंडर) करने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने विष्णु मिश्र के वकील और अपर शासकीय अधिवक्ता को सुनने के बाद याचिका वापस लेने के आधार पर यह आदेश दिया ।
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याचिका में कहा गया था कि फर्जी वसीयत तैयार कर संपत्ति पर कब्जा करने व जान से मारने की धमकी देने के आरोप में गोपीगंज थाने में दर्ज मामले में याची को अभियुक्त बनाया गया है। याची को इस मामले में भदोही से अन्यत्र सरेंडर करने की अनुमति दी जाए। एजीए ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में याची की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है।
एकल पीठ ने याची को उसके खिलाफ दर्ज पहले मुकदमे में सक्षम अदालत में हाजिर होने को कहा है, लेकिन वह हाजिर नहीं हुआ। इस पर उसके विरुद्ध आईपीसी की धारा 174 ए के तहत एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके बाद याची ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की।
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उच्चतम न्यायालय ने याची को इस मामले में सक्षम अदालत में सरेंडर करने को कहा है और याची इस याचिका के माध्यम से उच्चतम न्यायालय के आदेश को मॉडिफाई कराना चाहता है। इसके बाद याची की ओर से याचिका वापस लेने की बात कही गई। इस पर न्यायालय ने वापस लेने के आधार पर याचिका खारिज कर दी।