प्रयागराज। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व उत्तर प्रदेश के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में बेतहासा वृद्धि को शर्मनाक करार दिया। उन्होंने कहा कि ‘मोदी है तो मुमकिन है।’
श्री तिवारी ने गुरूवार को जारी बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह बयान कि पिछली केन्द्रीय सरकारों की गलती के कारण पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी हो रही है, यह जले पर नमक छिड़कने जैसा है। वह अपनी असफलनता को दूसरे के सिर पर मढ़ना है।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार 140 डालर प्रति बैरल कच्चा तेल खरीदकर 60-65 रूपये में पेट्रोल और करीब 50 रूपये में डीजल बेचती थी, लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में करीब ढाई गुना कम दर पर 60.21 रूपये डॉलर प्रति बैरल में कच्चा तेल खरीद कर पेट्रोल के 100 रूपये तथा डीजल के मूल्य 87-88 रूपये प्रति लीटर पहुंचा दिये।
उन्होंने कहा कि आज अन्तर्राष्ट्रीय बाजार से आने वाले कच्चे तेल की मूल दर लगभग 31.50 रूपये प्रति लीटर है, केन्द्र सरकार 18.50 एवं प्रदेश सरकार लगभग 39.55 प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत हुई और ट्रांसपोर्टेशन के बाद पेट्रोल की कीमत 100 रूपये पार कर गयी है।
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श्री तिवारी ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के कर( टैक्स) को आधा करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि यदि केन्द्र और प्रदेश सरकार टैक्स को आधा करती है तो करीब 30 रूपये की राहत आम जनता को मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि तेल कंपनियां 25 लाख करोड़ रूपये से अधिक लाभ कमा चुकी है। अब किसान, मध्यम वर्ग और आम जनता को राहत दिलानी चाहिए। उन्होंने कहा कि तेल शोधन के बाद 35 रूपया प्रति लीटर पेट्रोल को 100 रूपया में बेचा जा रहा है। इसलिए कि “अभी लूट लो और चुनाव के समय जनता को थोड़ी छूट दे दो।”
उन्होंने ने कहा कि श्री मोदी ने कहा था कि आपदा को अवसर में बदलना चाहिए। कोई करे या नहीं करे, लेकिन मोदी सरकार ने कर दिखाया। कोरोना काल में पेट्रोल की कीमत 100 रूपये के पार पहु्ंच गयी। इससे यह सिद्ध हो गया कि ‘मोदी है तो मुमकिन है’
श्री तिवारी ने कहा कि किसान आन्देलन को बर्बरता पूर्वक कुचलने का हश्र देख रहे हैं, मोदी जी। पंजाब में नगर निकाय और नगर निगम के चुनाव में निर्दलियों से भी पीछे “शून्य” सीटे पाकर चौथे स्थान पर पहुंच गये। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चौथे पायदान पर खिसकाने के लिए पंजाब की जनता को बधाई दी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी एस कृष्णमूर्ति के उस बयान कि निष्पक्षतापूर्वक जांच होनी चाहिए जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी की गयी थी। यह लोकतंत्र की ईमानदारी और विश्वसनीयता से जुड़ा प्रश्न है, लिहाजा इसकी जांच आवश्यक है।