कोरोना वायरस को मात देने के लिए कई देशों ने अपनी कमर पूरी तरह कस ली है। कई तरह की कोविड वैक्सीन (Covid Vaccin) का इस्तेमाल करके इस वायरस को खत्म करने की कोशिशें शुरू हो रही हैं। इसी कड़ी में स्पेन का नाम टीकाकरण प्रक्रिया के लिए सामने आया है, जहां 27 दिसंबर से टीकाकरण किया जाएगा। इसी टीकाकरण में अमेरिका की कंपनी फाइजर और जर्मनी की कंपनी बायोएनटेक की बनाई हुई वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाएगा। इस बात की जानकारी खुद देश के स्वास्थ्य मंत्री साल्वाडोर इल्ला ने एक संवाददाता सम्मेलन में कही।
इस दौरान उन्होंने जानकारी दी कि फाइजर और बायएनटेक की वैक्सीन का इस्तेमाल टीकाकरण के लिए किया जाएगा। 26 दिसंबर को इसकी पहली खेप यहां पहुंचेगी। यूरोप अगर इस बात पर सहमत है कि टीकाकरण एक समन्वित तीरके से शुरू होना चाहिए, तो फिर स्पेन में हम इसे पहले दिन से शुरू करने जा रहे हैं। इल्ला ने आगे बताया कि वैक्सीन की कितनी डोज स्पेन को मिलेगी, इसकी पुष्टि यूरोप के अधिकारियों ने तो नहीं की, लेकिन उन्होंने ये वादा किया कि वितरण बराबर होगा।
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यही नहीं, स्वास्थ्य मंत्री इल्ला ने ये उम्मीद जताते हुए कहा कि मई या फिर जून 2021 तक लगभग 20 मिलियन नागरिकों का टीकाकरण कर दिया जाएगा। इल्ला ने ये भी कहा कि ये महामारी का अंत नहीं है, हमें अपनी सुरक्षा से बिल्कुल समझौता नहीं करना है लेकिन ये महामारी के अंत की शुरुआत है। अगर इल्ला की बातों पर गौर किया जाए, तो उनकी बातों से भी यही समझा जा सकता है कि भले ही टीकाकरण की प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी, लेकिन फिर भी अपना बचाव सभी को करना पडे़गा और उनको इसमें बिल्कुल भी लापरवाही नहीं करना चाहिए।
कोरोना वायरस ने लगभग पूरी दुनिया को अपने चपेट में ले रखा है। फिर चाहे वो भारत हो या स्पेन, सभी जगह कोविड के मामले काफी ज्यादा संख्या में हैं। स्पेन में अब तक 17 लाख 97 हजार से ज्यादा केस सामने आ गए हैं। दूसरी तरफ 49 हजार लोगों की जान इस कोरोना वायरस ने अब तक ले ली है। कोरोना की सबसे ज्यादा मार अमेरिका पर पड़ी है।
आंकड़ों के मुताबिक, यहां एक करोड़ 71 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में आए, जबकि तीन लाख 11 हजार से ज्यादा लोगों की जिंदगी इसने खत्म कर दी। हालांकि, अमेरिका में भी टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस लिस्ट में अमेरिका के बाद भारत दूसरे पायदान पर है। यहां लगभग एक करोड़ से ज्यादा कोविड के केस हो चुके हैं, जिसमें से 44 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।