नई दिल्ली। ब्रिटेन में पाए गए कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर शुक्रवार को एक राहत की खबर सामने आई है। कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी फाइजर का दावा है कि उनकी वैक्सीन ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना के नए स्ट्रेन पर भी असरदार है।
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टेक्सास मेडिकल ब्रांच के वैज्ञानिकों ने बताया कि कोविड-19 वैक्सीन इस खतरनाक वायरस को खत्म करने में प्रभावी है। ज्यादा संक्रमण दर के लिए वायरस का म्यूटेशन जिम्मेदार होता है। वैज्ञानिकों की ओर से एक शोध किया गया, जिसमें फाइजर के नए स्ट्रेन पर प्रभावी होना के बारे में पता चला है।
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वैक्सीन लगाने वाले लोगों की खून की जांच की गई और इसी आधार पर शोध तैयार किया गया है। रिपोर्ट में इस शोध के निष्कर्ष सीमित हैं क्योंकि ये तेजी से फैलने वाले वायरस के नए वेरिएंट में पाए गए म्यूटेशन को नहीं देखता है।
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कहा जा रहा है कि कोरोना के नए स्ट्रेन में 17 बदलाव हुए हैं। इस स्ट्रेन को इसलिए ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है, क्योंकि इसके आठ रूप जीन में प्रोटीन बढ़ाने वाले हैं, जिसमें से दो सबसे ज्यादा खतरनाक हैं। पहला, नए स्ट्रेन का N501Y रूप, जिसकी वजह से वायरस शरीर के सेल्स पर हमला कर सकता है और दूसरा, H69/V70 रूप, जो शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को नुकसान पहुंचाता है।
फाइजर वैक्सीन एमआरएनए वैक्सीन, नई तरह की वैक्सीन है। जो वायरस के जेनेटिक कोड के छोटे से हिस्से को लेकर शरीर को कोरोना वायरस से लड़ना सिखाती है। साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बनाती है। एफडीए के मुताबिक, जब किसी व्यक्ति को वैक्सीन दी जाती है, तो उनके शरीर में कोरोना वायरस वाले स्पाइक प्रोटीन बनते हैं, लेकिन इनसे बीमारी नहीं होती और न ही शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है। इनसे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र काम करना शुरू कर देता है और कोरोना से लड़ना सीखता है।