केरल हाईकोर्ट के एक फैसले को रद्द करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एआईसीटीई विनियमों के अनुसार 5 मार्च 2010 के बाद सहायक प्रोफेसर के पद के लिए पीएचडी अनिवार्य है।
जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिकाओं को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में सहायक प्रोफेसरों की ओर से दायर 12 याचिकाओं के एक बैच का निस्तारित किया था। उन्हें आशंका थी कि पीएचडी डिग्री के अभाव में उन्हें पदावनत कर दिया जाएगा।
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कोर्ट ने एक दशक पुराने मुकदमे का पटाक्षेप करते हुए अपने आदेश में कहा है, हम इस राय से सहमत हैं कि एसोसिएट प्रोफेसर ( जिसे बाद में सहायक प्रोफेसर कहा गया) के पद के लिए पीएचडी प्राप्त करने के लिए सात वर्ष का समय देने वाली 2003 की अधिसूचना 2010 में समाप्त हो जाएगी और इस प्रकार वे व्यक्ति जो बाद की तारीख में पीएचडी की उपाधि लेते हैं, वे केवल उसी तिथि से विचार के पात्र होंगे जब उन्होंने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की हो।