हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को फुलेरा दूज (Phulera Dooj) का पावन पर्व मनाया जाता है। पर्व को श्रीकृष्ण और राधा जी के प्रेम के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। विवाह में आ रही दिक्कत या वैवाहिक जीवन को मधुर बनाने में इस दिन का विशेष महत्व है। इस दिन ब्रज में होली खेली जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विवाह और दूसरे मांगलिक कार्य करना बेहद शुभ माना जाता है। जो भी प्रेमी जोड़ा इस दिन सच्चे मन से भगवान श्रीकृष्ण और राधा जी की पूजा करता है उसे जीवनभर के लिए एक -दूसरे का साथ मिलता है। फुलेरा दूज को फुलैरा दूज के रूप में भी जाना जाता है।
फुलेरा दूज (Phulera Dooj) डेट– शनिवार, मार्च 1, 2025
मुहूर्त- द्वितीया तिथि प्रारम्भ – मार्च 01, 2025 को 03:16 ए एम बजे
द्वितीया तिथि समाप्त – मार्च 02, 2025 को 12:09 ए एम बजे
फुलेरा दूज (Phulera Dooj) का महत्व-
मुहूर्त शास्त्र के अनुसार वर्ष भर में आने वाले पांच स्वयं सिद्ध मुहूर्तों में से एक है ‘फुलेरा दूज’ का सिद्ध मुहूर्त। इस दिन बिना पंचांग शुद्धि के सभी शुभ मंगल कार्य किए जा सकते हैं। ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत कहते हैं कि फुलेरा दूज को विशेष रूप से विवाह-संस्कार के लिए शुभ माना गया है। आम भाषा में इसे अनसूज साया भी कहा जाता है। शास्त्र आज्ञा के अनुसार इस दिन वर-वधू के नाम से मुहूर्त ना होने पर भी विवाह किया जा सकता है। अगर पंचांग में ग्रह स्थिति शुभ ना होने पर किसी का विवाह मुहूर्त न निकल पा रहा हो तो ऐसे में फुलेरा दूज के दिन विवाह संस्कार किया जा सकता है। इस दिन किए गए सभी मंगल कार्य बहुत शुभ और उत्तम परिणाम देने वाले होते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, फुलेरा दूज (Phulera Dooj) का दिन समस्त प्रकार के दोषों से मुक्त होता है। इसीलिए, सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों हेतु, विशेषतः विवाह समारोहों हेतु, फुलेरा दूज के दिन किसी मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है।