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इकाना स्टेडियम के पिच क्यूरेटर पर गिरी गाज, हार्दिक पंड्या ने जताई थी नाराजगी

World Cup

Ekana Stadium

भारतीय टीम और न्यूजीलैंड के बीच खेली जा रही तीन मैचों की टी20 सीरीज इस समय 1-1 की बराबरी पर है। सीरीज का दूसरा मैच रविवार (29 जनवरी) को लखनऊ के इकाना स्टेडियम (Ekana Stadium) में खेला गया था। यह मैच फैन्स और दोनों टीमों के लिए बेहद निराशाजनक रहा। इस मैच से सिर्फ गेंदबाजों को ही खुशी मिली।

दरअसल, इस टी20 मैच में दोनों टीमें 100-100 रन के करीब ही पहुंच सकीं। बड़ी बात है कि इस पिच पर दोनों टीमें एक छक्का तक नहीं लगा सकीं। न्यूजीलैंड टीम ने इस मैदान पर खेलते हुए 100 रनों का टारगेट दिया था। इसके जवाब में भारतीय टीम को भी पसीना आ गया और वह बड़ी मुश्किल से आखिरी ओवर में जाकर 6 विकेट से मैच जीती।

‘यह एक पिच सदमा देने वाली थी’

इस पिच को लेकर भारतीय कप्तान हार्दिक पंड्या ने भी अपनी नाराजगी जताई थी। मैच के बाद उन्होंने कहा था, ‘ईमानदारी से कहूं तो यह एक विकेट सदमा देने वाला था। मुझे मुश्किल विकेटों से कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं इसके लिए पूरी तरह तैयार हूं, लेकिन ये दोनों विकेट टी20 के लिए नहीं बने थे।’ शायद ही कारण है कि इकाना स्टेडियम (Ekana Stadium) मैनेजमेंट ने फैसला करते हुए पिच क्यूरेटर को हटा दिया है। यह जानकारी सूत्रों से मिली है।

बगैर छक्का लगे, पूरा हो गया यह मैच

भारत में किसी टी-20 मुकाबले में इस तरह की पिच काफी कम देखने को मिलती है, जहां बल्लेबाज एक-एक रनों के लिए संघर्ष करते हुए नज़र आएं। भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुए इस मैच ने एक रिकॉर्ड भी बना दिया, इस मैच में 239 बॉल फेंकी गईं और एक भी छक्का नहीं लगा। किसी भी टी-20 मुकाबलों में यह पांचवां बड़ा ऐसा मौका था, जब ऐसा हुआ। इस दौरान मैच में 16 बल्लेबाजों ने बैटिंग की, जिन्होंने सिर्फ 183 रन बनाए। पूरे मैच में सिर्फ 14 बाउंड्री लगीं।

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पिच बनाने के लिए समय बेहद कम था

टीम इंडिया के बॉलिंग कोच पारस म्हाम्ब्रे ने भी पिच की जमकर आलोचना की थी। सूत्रों को मुताबिक, पिच क्यूरेटर ने इकाना स्टेडियम में काली मिट्टी की दो पिचें तैयार की थीं। मगर मैच से कुछ दिन पहले ही भारतीय टीम मैनेजमेंट ने उनसे लाल मिट्टी की पिच बनाने के लिए कहा था। ऐसे में समय बेहद कम था। इसके बावजूद पिच क्यूरेटर ने जल्दबाजी में लाल मिट्टी की पिच तैयार कर दी। मगर यह पिच सही मानक के हिसाब से नहीं बन सकी।

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