इस साल 18 सितंबर को प्रतिपदा और पूर्णिमा दोनों का श्राद्ध किया जाता है। इस साल 17 सितंबर से पितृपक्ष (Pitru Paksha) शुरू हो गया है, कई जगह 17 को लोगों ने पूर्णिमा का श्राद्ध किया है और कई जगह 18 सितंबर (बुधवार) को पूर्णिमा और प्रतिपदा दोनों का श्राद्ध किया है। आपको बता दें कि 18 सितंबर को भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा प्रात 08.05 मिनट तक ही है।
इस दिन भाद्रपद पूर्णिमा स्नान दान आदि। श्राद्ध (Pitru Paksha) प्रारंभ। प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध भी इसी दिन है और पंचक भी हैं। इस वीक भरणी श्राद्ध भी रखा जाता है।
ऐसी मान्यता है, ऐसे लोग जिनका तीर्थ किए बिना ही निधन हो जाता है, उनके लिए भरणी का श्राद्ध किया जाता है। भरणी श्राद्ध पितृपक्ष (Pitru Paksha) के भरणी नक्षत्र के दिन किया जाता है। इस सप्ताह 18 सितंबर को पूर्णिमा, प्रतिपदा श्राद होगा, इसके बाद 19 को द्वितीया, 20 सितंबर को तृतीया, 21 सितंबर को चतुर्थी, 22 को पंचमी तिथि और 23 को षष्ठी तिथि का श्राद्ध किया जाएगा।
यह तिथि दिन में कितने बजे तक हैं, इसके लिए आप नीचे पं. ऋभुकांत गोस्वामी के अनुसार 18 से 23 सितंबर की पंचांग की तिथि देख सकते हैं।
19 सितंबर (गुरुवार) आश्विन कृष्ण द्वितीया रात्रि 12.40 मिनट तक पश्चात। पंचक समाप्त रात्रि 05.15 मिनट (सूर्योदय पूर्व)। द्वितीया तिथि का श्राद्ध।
20 सितंबर (शुक्रवार) आश्विन कृष्ण तृतीया रात्रि 09.16 मिनट तक। तृतीया का श्राद्ध। गंडमूल रात्रि 02.43 मिनट तक।
21 सितंबर (शनिवार) आश्विन कृष्ण चतुर्थी सायं 06.14 मिनट तक। श्रीगणेश चतुर्थी व्रत। चतुर्थी श्राद्ध। भरणी श्राद्ध।
22 सितंबर(रविवार) आश्विन कृष्ण पंचमी अपराह्न 03.44 मिनट तक। चंद्र षष्ठी व्रत। पंचमी का श्राद्ध। दक्षिण गोल प्रारंभ।
23 सितंबर(सोमवार) आश्विन कृष्ण षष्ठी दोपहर 01.51 मिनट तक। षष्ठी एवं सप्तमी का श्राद्ध। शक आश्विन प्रारंभ।