• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

Pitru Paksha: पितरों के तर्पण के लिए कौन सा समय उत्तम

Writer D by Writer D
18/09/2024
in Main Slider, धर्म, फैशन/शैली
0
Pitru Paksha

Pitru Paksha

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

अगर आप भी पितरों का श्राद्ध कर्म कर रहे हैं, तो आपको अच्छे से इसके करने की विधि और समय पता होना चाहिए। यहां हम आपको बताएंगे की पितरों के तर्पण के लिए कौन सा समय उत्तम रहेगा। इस साल पितृ पक्ष (Pitru Paksha) 18 सितंबर से शुरू होकर दो अक्तूबर तक रहेगा। जिन लोगों के पितरों की तिथि पूर्णिमा है, वे 17 सितंबर को पूर्णिमा का श्राद्ध करेंगे। प्रतिपदा का श्राद्ध 18 सितंबर को माना जाएगा।

कौन सा समय पितरों के लिए तर्पण के उत्तम

पितरों को तर्पण किस समय किया जाना चाहिए, यह जानना भी बहुत जरूरी है। ऐसा कहा जाता है कि इस समय सूर्य को जल अर्पित करने और तर्पण करने से पितरों तक पहुंचता है। इसके लिए तीन कालों का इस्तेमाल किया जाता है। कुतुप काल, रोहिण काल और अपराह्न काल कहा जाता है। कुतुप काल में 11:36 से 12:25 बजे तक का समय होता है।

रोहिण काल में 12:25 से 1:14 बजे तक का समय होता है। अपराह्न काल में 1:14 से 3:41 बजे का समय होता है। ज्योतिषियों के अनुसार यह समय पितरों की पूजा के लिए बहुत शुभ माने जाते हैं। इस समय किया गया तर्पण पितृ स्वीकार करते हैं।

श्राद्ध क्यों है जरूरी

आपको बता दें कि अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से अमावस्या की तिथि पितरों की तिथि कहलाती है। 18 सितंबर से 2 अक्टूबर का समय अपने पितरों को याद करने का दिन है। उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान और अन्य धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।

मान्यता के अनुसार इस अवधि में पितृ अपने परिजनों को आशीर्वाद देने धरती पर आते हैं। ज्योतिषाचार्य पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के दौरान पितरों को श्रद्धा के साथ भोजन कराना, दान करना और तर्पण करने का विशेष महत्व है।

Previous Post

पितरों को नहीं करना चाहते हैं नाराज, तो भूलकर भी इन कामों को न करें

Next Post

दादी मां के नुस्खे की मदद से हटाएं टैनिंग, काली स्किन को बनाएं गोरा

Writer D

Writer D

Related Posts

CM Yogi
Main Slider

पुलिसकर्मियों का बलिदान प्रदेश और देश की अमूल्य पूंजी: मुख्यमंत्री

21/10/2025
Premananda Maharaj
Main Slider

प्रेमानंद महाराज ने अपने शिष्यों संग मनाई दिवाली, आतिशबाजी देख हुए खुश

21/10/2025
Mohammad Kalamuddin
Main Slider

बिहार चुनाव: ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशी की नामांकन के बाद गिरफ्तारी से गरमाई सियासत

21/10/2025
PM Modi
Main Slider

राम मंदिर से ऑपरेशन सिंदूर तक–दीपावली पर पीएम मोदी का बड़ा संदेश देश के नाम

21/10/2025
Anupam Kher expressed grief over Asrani's death
Main Slider

जब किसी का निधन होता है, तो… अनुपम खेर ने असरानी की डेथ पर जाहिर किया शोक

21/10/2025
Next Post
Skin Tanning

दादी मां के नुस्खे की मदद से हटाएं टैनिंग, काली स्किन को बनाएं गोरा

यह भी पढ़ें

Corona

इस राज्य में कोरोना का कहर, एक ही हॉस्पिटल में दो महिलाओं की मौत

02/06/2025

मुन्ना बजरंगी गिरोह के दो शूटरों को एसटीएफ ने दबोचा, कार बरामद

30/12/2021
Ambulance

जीवन दायिनी बनी योगी सरकार की एंबुलेंस सेवा 108 और 102

24/04/2025
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version