• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Child Safety Policy
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

इस दिन होगी पितृ विसर्जन अमावस्या, इस विधि से करें श्राद्ध, तर्पण

Writer D by Writer D
29/09/2024
in धर्म, फैशन/शैली
0
Mauni Amavasya

Mauni Amavasya

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या (Amavasya) तिथि पर पितृ विसर्जन होता है। पितृ विसर्जन अमावस्या दो अक्टूबर को है। इस तिथि को समस्त पितरों का विसर्जन होता है। जिन पितरों की पुण्यतिथि अपने परिजनों को ज्ञात नहीं होता है या किसी कारणवश जिनका श्राद्ध तर्पण पृथ्वी पक्ष के 15 दिनों में नहीं हो पाता है वह उनका श्राद्ध तर्पण दान इसी अमावस्या (Amavasya) में करते हैं। तर्पण करने से समस्त ब्रह्मांड का भी कल्याण होता है। बिना कुश पहने केवल हाथ से तर्पण नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं, श्राद्ध विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट-

श्राद्ध विधि

– किसी सुयोग्य विद्वान ब्राह्मण के जरिए ही श्राद्ध कर्म (पिंड दान, तर्पण) करवाना चाहिए।

– श्राद्ध कर्म में पूरी श्रद्धा से ब्राह्मणों को तो दान दिया ही जाता है साथ ही यदि किसी गरीब, जरूरतमंद की सहायता भी आप कर सकें तो बहुत पुण्य मिलता है।

– इसके साथ-साथ गाय, कुत्ते, कौवे आदि पशु-पक्षियों के लिए भी भोजन का एक अंश जरूर डालना चाहिए।

यदि संभव हो तो गंगा नदी के किनारे पर श्राद्ध कर्म करवाना चाहिए। यदि यह संभव न हो तो घर पर भी इसे किया जा सकता है। जिस दिन श्राद्ध हो उस दिन ब्राह्मणों को भोज करवाना चाहिए। भोजन के बाद दान दक्षिणा देकर भी उन्हें संतुष्ट करें।

श्राद्ध पूजा दोपहर के समय शुरू करनी चाहिए. योग्य ब्राह्मण की सहायता से मंत्रोच्चारण करें और पूजा के पश्चात जल से तर्पण करें। इसके बाद जो भोग लगाया जा रहा है उसमें से गाय, कुत्ते, कौवे आदि का हिस्सा अलग कर देना चाहिए। इन्हें भोजन डालते समय अपने पितरों का स्मरण करना चाहिए. मन ही मन उनसे श्राद्ध ग्रहण करने का निवेदन करना चाहिए।

श्राद्ध पूजा की सामग्री:

रोली, सिंदूर, छोटी सुपारी , रक्षा सूत्र, चावल, जनेऊ, कपूर, हल्दी, देसी घी, माचिस, शहद, काला तिल, तुलसी पत्ता, पान का पत्ता, जौ, हवन सामग्री, गुड़, मिट्टी का दीया, रुई बत्ती, अगरबत्ती, दही, जौ का आटा, गंगाजल, खजूर, केला, सफेद फूल, उड़द, गाय का दूध, घी, खीर, स्वांक के चावल, मूंग, गन्ना।

Tags: amavasyaAstrology tips
Previous Post

कांग्रेस-झामुमो सरकार ने भ्रष्टाचार में जनता के पैसे को पानी की तरह बहाया : मुख्यमंत्री

Next Post

आरोग्य, सुख-समृद्धि के लिए आज रखा जाएगा रवि प्रदोष व्रत

Writer D

Writer D

Related Posts

Ganesh
Main Slider

बुधवार को करें गणेश कवच का पाठ, धन-ऐश्वर्य की होगी प्राप्ति

19/11/2025
benefits of ghee
फैशन/शैली

ठंड में स्किन फटने से है परेशान, करें घी का इस्तेमाल

19/11/2025
Take care of your hands in winter
Main Slider

सर्दियों में सब्जी काटने के बाद हाथ हो जाते है काले, तो ऐसे करें प्रॉबलम को दूर

19/11/2025
Purnima
Main Slider

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर करें इस मंत्र का जाप, मिलेगा श्री हरि का आशीर्वाद

19/11/2025
Coconut Oil
फैशन/शैली

ठंड में भी स्किन करेगी ग्लो, आज़माएं ये उपाय

19/11/2025
Next Post
Pradosh Vrat

आरोग्य, सुख-समृद्धि के लिए आज रखा जाएगा रवि प्रदोष व्रत

यह भी पढ़ें

Flowers will be showered on devotees on Mauni Amavasya

10 करोड़ श्रद्धालुओं पर 25 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों से होगी पुष्प वर्षा

28/01/2025

फिर बढ़े कोरोना के नए मामले, 24 घंटे में आए 18,987 केस

14/10/2021
navneet kalra

‘सांसों के सौदागर’ की दूसरे राज्यों में तलाश जारी, रेड के बाद से है फरार

09/05/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version