रेल मंत्री पीयूष गोयल ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में बिहार में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए निवेश में तीन गुना वृद्धि होने का दावा किया और कहा कि पहले जहां इस कार्य के लिए केंद्र से महज 1100 करोड़ रुपये दिए जाते थे वहीं अब यह राशि बढ़कर प्रतिवर्ष 3400 करोड़ रुपये हो गई है।
श्री गोयल ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार में 540 करोड़ रुपये के कोसी रेल महासेतु तथा 2180 करोड़ रुपये की अलग-अलग रेल परियोजनाओं के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2009 से 2014 के बीच रेलवे के लिए बिहार का प्रतिवर्ष बजट औसतन 1100 करोड़ रुपये हुआ करता था। लेकिन, श्री मोदी के पूर्वी क्षेत्र के विकास की प्रतिबद्धता की बदौलत इस राशि को बढ़कर तीन गुना कर दिया। अब बिहार में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए प्रतिवर्ष लगभग 3400 करोड़ रुपये निवेश किया जाता है।
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रेल मंत्री ने कहा कि आज का दिन बिहर के स्वर्णिम इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय साबित होनेा वाला है। वर्ष 1934 के भूकंप ने बिहार के कोसी क्षेत्र को मिथिलांचल से अलग कर दिया। जिस बिहार को भूकंप ने बांट दिया उसको श्री मोदी के अथक प्रयासों से फिर जोड़ा जा रहा है। उन्हाेंने कहा कि 86 वर्ष तक उत्तर बिहार के निवासी कोसी नदी पार करने के लिए लंबी दूरी की यात्रा करते थे। उनका सफर अब सरल हो गया है।
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श्री गोयल ने कहा कि मिथिलांचल और कोसी क्षेत्र को पुन: सीधे रेल मार्ग से जोड़ने के लिए आज से सुपौल-आसनपुर कुपहा के बीच ट्रेन सेवा का शुभारंभ किया जा रहा है। कोसी महासेतु का शिलान्यास पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी ने वर्ष 2003 में किया था, जब श्री नीतीश कुमार रेल मंत्री थे। उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्ष में श्री मोदी ने लगातार इस परियोजना की निगरानी और समीक्षा करते रहे। छह वर्ष में तेज गति से इस काम को आगे बढ़ाया गया।