कानपुर। इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) को 212 दिन के लंबे इंतजार के बाद एक मामले में जमानत मिल गई है, लेकिन शर्त है कि एक करोड़ रुपये का बांड भरना होगा। अब सवाल उठता है कि पीयूष जैन की जमानत के लिए भारी भरकम रुपये का बांड कौन भरेगा?
दरअसल, इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) के घर पर 23 दिसंबर 2021 की रात अहमदाबाद की डीडीजीआई टीम ने छापा डाला था, जहां से कई दिनों की सर्च के बाद 197 करोड़ की रकम बरामद हुई थी। पीयूष के कन्नौज वाले घर से 23 किलो सोना भी बरामद हुआ था। इसके बाद 27 दिसंबर को डीडीजीआई ने पीयूष को जेल भेज दिया।
जेल जाने के बाद लखनऊ की डीआरआई ने पीयूष (Piyush Jain) के कन्नौज वाले घर से बरामद 23 किलो सोने को विदेशी बताकर अपनी तरफ से एफआईआर दर्ज की थी। तब से पीयूष कानपुर जेल में बंद है। उसके ऊपर डीडीजीआई और डीआरआई के केस चल रहे थे। पीयूष के परिजन उसकी जमानत के लिए बड़े-बड़े वकीलों के माध्यम से अदालत में पैरवी कर रहे थे।
आखिर अपनी गिरफ्तारी के 212 दिन यानी करीब 5 हजार घंटों बाद पीयूष जैन को पहली राहत की खबर मिली, जब हाई कोर्ट ने पीयूष (Piyush Jain) की विदेशी सोना रखने के मामले में जमानत मंजूर कर ली। अदालत ने पीयूष जैन को एक करोड़ की जमानत प्रॉपर्टी लगाने का भी आदेश दिया। हालांकि अभी पीयूष जैन बाहर नहीं आ सकता है।
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इस जमानत के बाद भी पीयूष का जेल बाहर आना 2 अगस्त की तारीख पर निर्भर होगा, क्योकि 2 अगस्त को हाई कोर्ट में पीयूष की डीडीजीआई द्वारा 197 करोड़ केस वाले मामले की सुनवाई होनी है। अगर 2 अगस्त को हाई कोर्ट से पीयूष को बुधवार जैसी की खुशखबरी मिलती है, तभी वह जेल से बाहर आ सकेगा।
वैसे सोना वाले मामले में पीयूष जैन के वकील पीयूष शुक्ला का कहना है, ‘अदालत ने माना है कि पीयूष के पास जब कोई पासपोर्ट नहीं है तो वह विदेश कैसे भाग सकता है, दूसरा उसने विदेश से सोना खरीदा? इसका कोई पुख्ता सबूत डीआरआई नहीं दे पाई, इससे लगता है कि पीयूष ने ये सोना अपने लिए देश में ही खरीदा है।’
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अब बात देखने वाली ये है की जब पीयूष का सारा पैसा और सोना कस्टडी में जमा है तो पीयूष की तरफ से एक करोड़ की जमानत में उसका कौन मददगार होता है?