कानपुर। उत्तर प्रदेश में इत्र कारोबारी के घर से मिले सोने और कैश के मामले में पीयूष जैन (Piyush Jain) के साथ काम कर रहे कई कारोबारी भी फंस गए हैं। डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस ( DGGI) ने पीयूष जैन की फर्मों पर भी 497 करोड़ की देनदारी निकाली है। इसको लेकर 14 लोगों को नोटिस जारी किया गया है।
बता दें कि इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) के घर से 207 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे। इसका मतलब यह है कि अब पीयूष जैन और उसके साथ व्यापार कर रहे लोगों को 290 करोड़ रुपये और चुकाने पड़ सकते हैं। यह राशि पीयूष जैन की तीनों फर्म के कारोबार और घर से बरामद सोने का आकलन करके लगाई गई है।
स्पेशल प्रॉसिक्यूटर अम्ब्रीष टंडन ने बताया कि मेसर्स ओडोचैम इंडस्ट्रीज, मेसर्स फ्लोरा नेचुरले, मेसर्स ओडोसेंथ आईएनसी व उसके साझेदार पीयूष कुमार जैन, अम्ब्रीष कुमार जैन, महेश चंद्र जैन, मेसर्स त्रिमूर्ति फ्रेग्रेंसेस प्रा.लि। व उसके निदेशक दीपक अग्रवाल को नोटिस जारी किया गया है। पीयूष जैन की फर्मों की जांच में 2659 करोड़ रुपये का कारोबार किए जाने की जानकारी हुई है।
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इसके अलावा, मैनेजर शैलेंद्र मित्तल, मेसर्स गणपति रोड कैरियर्स प्रा.लि। व उसके निदेशक प्रवीण कुमार जैन, रजत जैन, मेसर्स एस. कुशलचंद इंटरनेशनल प्रा.लि। व उसके निदेशक सुनील ए. हिरानी को भी नोटिस भेजा गया है। इनके खिलाफ विवेचना लगभग पूरी हो गई है। स्पेशल प्रॉसिक्यूटर अमरीश टंडन का कहना है कि इन अन्य कारोबारियों के खिलाफ भी कोर्ट में चार्जशीट लगाई जाएगी और मुकदमा चलाया जाएगा।
इस मामले में शनिवार को सुनवाई की गई, जिसमें पीयूष जैन के अधिवक्ता ने अर्जी दी है कि अभी एजेंसी द्वारा की जा रही विवेचना जारी है। इसलिए मामले में गवाही नहीं हो सकती। इस पर विभाग की ओर से आपत्ति मांगी गई। अब अगली सुनवाई 23 मई को होगी। हाई कोर्ट के आदेश पर पीयूष जैन शनिवार को स्पेशल सीजेएम कोर्ट में व्यक्तिगत तौर पर हाजिर हुए थे।